महाठगी: राजधानी के इनकम टैक्स मुख्यालय में चल रहा था फर्जी इंटरव्यू, दस लाख रुपये में बना रहे थे इंस्पेक्टर

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Mahathagi: Fake interview was going on in the capital's Income Tax Headquarters, inspectors were being made for ten lakh rupees
महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में मंगलवार को सीबीआई की कार्यप्रणाली पर आई स्पेशल 26 की तरह कहानी दोहराई गई।यहां ठगों ने युवाओं को चूना लगाने के लिए 10 लाख रुपये लेकर इंस्पेक्टर बना रहे थे, इस​के लिए बकायदा इनकम टैक्स विभाग में साक्षात्कार का आयोजन किया। इस बीच विभाग भीड़ देख जब अधिकारियों ने पूछताछ की तो पता चला कि वे लोग साक्षात्कार के लिए आए है जो विभाग में था ही नहीं इस तरह इस फर्जीवाड़ा की पोल खुल गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ठगों ने राजधानी के आयकर मुख्यालय को ही फर्जी नौकरी देने का अड्डा बना लिया। आरोपी मुख्यालय की कैंटीन में ही नौकरी देने का फर्जी इंटरव्यू ले रहे थे। कैंटीन में युवक-युवतियों की भीड़ देखकर आईटी सेल ने पूछताछ की तो पता चला कि सभी आयकर निरीक्षक के पद के लिए इंटरव्यू देने आए हैं। इसके बाद मुख्यालय से फर्जीवाड़े की मास्टर माइंड एक महिला को पकड़ लिया गया। महिला ने आवेदन करने वालों से 10-10 लाख रुपये वसूले थे। इस फर्जीवाड़े में विभाग के दो अधिकारी भी साथ दे रहे थे। हालांकि उनके नामों का अभी खुलासा नहीं हुआ है। महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

विभाग की मुहर महिला के पास से मिली

आयकर विभाग के जन संपर्क अधिकारी के मुताबिक मंगलवार को दोपहर बाद कुछ कर्मचारियों ने कैंटीन में फर्जी तरीके से इंटरव्यू होने की सूचना दी। इसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से एक महिला को पकड़ा गया। पकड़ी गई महिला का नाम प्रियंका मिश्रा है। उसके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, आयकर विभाग की मुहर व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पूछताछ में पता चला की महिला 20 दिन से लगातार मुख्यालय परिसर में युवक-युवतियों का इंटरव्यू ले रही थी।जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक प्रियंका का कलमबंद बयान दर्ज कराया गया है। वहीं प्रत्यक्षकर भवन परिसर से सात युवक-युवतियों को भी पकड़ा गया, जिन्होंने बताया कि सभी को आयकर निरीक्षक पद के इंटरव्यू के बाद नियुक्ति पत्र देने के लिए बुलाया था। सभी ने इसके लिए प्रियंका मिश्रा को 10-10 लाख रुपये दिए थे।

20 दिन से चल रहा था फर्जी साक्षात्कार

सूत्रों के मुताबिक पकड़ी गई आरोपी महिला से पूछताछ की गई। तो सामने आया कि वह लगातार पिछले 20 दिनों से मुख्यालय परिसर आती थी। कैफेटेरिया में बैठकर बेरोजगारों का इंटरव्यू लेती थी। इसके बाद उनको नियुक्ति पत्र भी बांटने की बात सामने आई है। लेकिन इसकी भनक विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को नही लगी। मंगलवार को उच्चाधिकारियों तक बात पहुंची तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी जांच के दायरे में आ गये है। प्रत्यक्ष कर भवन के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक मामले में जुड़े विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस फर्जीवाड़े में भूमिका पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह रची साजिश

मालूम हो कि हाल के दिनों में खेल कोटा में कई पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसी भर्ती के लिए गोमतीनगर स्थित कार्यालय से इंटरव्यू लेटर जारी किया गया था। वहां खेल कोटा के अभ्यर्थियों की फिजिकल स्क्रीनिंग हाल में ही खत्म हुई। इसी को आधार बनाकर इस गिरोह ने फर्जीवाड़े का खेल खेलना शुरू कर दिया। जालसाजों ने फ्री-जॉब अलर्ट वेबसाइट पर इसका विज्ञापन दिया। इसके जरिए बेरोजगारों के आवेदन कराया। इसके बाद सभी से अपने गिरोह के सदस्यों के जरिये संपर्क कर दस-दस लाख रुपये वसूले।

कई अधिकारी फसेंगे

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस फर्जीवाड़े में पकड़ी गई महिला अकेले नहीं शामिल है, उसके पीछे विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। इतने बड़े विभाग में एक बाहरी महिला बीस दिन से लगातार बेरोजागर युवाओं का इंटरव्यू ले रही थी और किसी को भनक तक नहीं लगी। इसके अलावा पूर परिसर में सीसीटवी कैमरे लगे है, इसके बाद भी युवाओं से कैफेटेरिया में बैठकर इंटरव्यू लिया और किसी को शक कैसे नहीं हुआ। वहीं उसके पास से विभाग की मुहर और लैटरपैड कैसे पहुंचा है, यह जांच का विषय है हालांकि पुलिस आरोपी महिला से पूछताछ कर रही है, लेकिन विभाग की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है।

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