भदोही। योगी सरकार में माफिया की खैर नहीं, सरकार ने पहले उनकी काली कमाई के साम्राज्य को तहस —नहस किया इसके बाद उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुचाया। पहले मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद अब विजय मिश्र को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। सोमवार को एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई गई। साल 2009 के मामले में एसीजेएम साधना गिरी की अदालत ने फैसला सुनाया। वैसे ज्ञानपुर के पूर्व विधायक विजय मिश्र इस समय आगरा जेल में सजा काट रहे हैं। आगरा जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को भदोही कोर्ट में पेश किया गया।
चार बार रहे विधायक विजय
चार बार विधायक रहे विजय मिश्र के खिलाफ 70 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बसपा सरकार में उनके खिलाफ साल 2009 में पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद मुकदमे की सुनवाई लंबित हो गई। हालांकि 2020 में जेल जाने के बाद उसे उनके नए और पुराने मामले में सुनवाई तेज हुई।
अखिलेश ने काटी थी सीट
बाहुबली विधायक मिश्रा तीन बार सपा और चौथी बार निषाद पार्टी से विधायक चुने गए। ज्ञानपुर विधानसभा एक ऐसी सीट थी जिस पर आजादी के बाद कोई दोबारा विधायक नहीं हुआ लेकिन विजय मिश्र इस सीट से चार बार विधायक हुए जिसे लेकर उन पर आरोप लगते रहे कि अपने बाहुबल से जीत दर्ज की। 2017 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया था।तब विजय मिश्र पार्टी से बगावत कर निषाद पार्टी से चुनाव लड़े और जीते।
18 अक्तूबर 2020 को बनारस की एक गायिका ने गोपीगंज थाने में विजय मिश्र के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। विधायक के ऊपर नए पुराने कुल 70 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। साल 2020 पुलिस ने विजय मिश्र को तब गिरफ्तार कर लिया जब वो मध्य प्रदेश से महाकाल का दर्शन कर लौट रहे थे। तभी से वो आगरा जेल में निरुद्ध हैं।
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