नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एएफएसी) और बायर क्रॉपसांइस लिमिटेड ने 50 विशिष्ट फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) गठित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एसएफएसी के साथ मिलकर बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड ने 10 राज्यों में क्लस्टर की पहचान की है। इसके तहत 50 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन की स्थापना करके कारोबारी योजना के अनुरूप छोटी जोत वाले किसानों को सहयोग दिया जाएगा, साथ ही कृषि व्यवसाय के अहम बिंदुओं की पहचान की जाएगी, उन्हें बाजार से जोड़ा जाएगा, तकनीकी व व्यवसाय प्रबंधन की जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
संयुक्त खेती को मजबूती मिलेगी
बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड के साथ एसएफएसी की साझेदारी से संयुक्त खेती को मजबूती मिलेगी और साथ काम करने के किसानों के प्रयास को सहयोग किया जाएगा. इस पहल द्वारा कृषक समूहों को एक लाभकारी व् आत्मनिर्भर व्यवसाय इकाई जैसे प्रतिस्थापित करने में मदद की जाएगी. बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड दुनिया की अग्रणी कृषि आदान, तकनीकी व अनुसंधान कंपनियों में से है, जो कृषि के लिए सतत समाधान उपलब्ध करा रही है। कंपनी भारत में एफपीओ की क्षमता निर्माण के लिए अहम वैल्यू चेन पार्टनर्स के साथ मिलकर एक कार्यक्रम का संचालन भी कर रही है।
निश्चित तौर पर लाभ होगा
एसएफएसी ने कृषक सामूहिकता और एफपीओ की भूमिका के महत्व पर जोर दिया है। एफपीओ किसानों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और अर्थव्यवस्था में उत्पादन एवं मार्केटिंग के बढ़ते आकार का लाभ किसानों को दे रहे हैं। बायर जैसे वैल्यू चेन ऑर्गनाइजेशन इस प्रोजेक्ट के लक्ष्य को पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कंपनी के अनुभव और व्यापक पहुंच से किसानों को निश्चित तौर पर लाभ होगा।
खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी
इस मौके पर भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में बायर के क्रॉप सांइस प्रभाग के कंट्री डिवीजनल हेड सिमोन-थॉर्स्टन वीबुश ने कहा, ‘भारत छोटी जोत वाले किसानों का देश है। फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के मजबूत नेटवर्क के रूप में कृषक सामूहिकता से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश में मजबूत वैल्यू चेन नेटवर्क तैयार होगा, जिससे देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। खाद्य गुणवत्ता सुधरेगी और निर्यात की संभावना बढ़ेगी।
हम 50 एफपीओ के गठन का अवसर देने के लिए लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) के आभारी हैं। इससे 2030 तक 10 करोड़ छोटी जोत वाले किसानों को सशक्त करने और उन्हें उत्पादकता एवं आजीविका को बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की हमारी वैश्विक प्रतिबद्धता को मजबूती मिलेगी। साथ ही देश की कृषि व्यवस्था के विकास में सहयोग मिलेगा।’ यह एमओयू भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा लॉन्च केंद्रीय योजना के लक्ष्य के अंतर्गत है, जिसके तहत 10,000 फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन का गठन एवं संवर्धन होना है।
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