संतुलित केंद्रीय विनियामक व्यवस्था से भारत की ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री हो सकेगी लाभान्वित

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India's online skill gaming industry will benefit from balanced central regulatory regime
प्रगतिशील दृष्टिकोण के साथ मिलकर ऑनलाइन कौशल गेमिंग उद्योग को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान करने में मदद कर सकता है।"

लखनऊ, बिजनेस डेस्क।  भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग न केवल सरकारी खजाने के लिए एक बड़ा योगदानकर्ता रहा हैबल्कि इसने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और मुद्रा को मजबूत करते हुए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का एफडीआई भी हासिल किया है। अगले तीन वर्षों में यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। केपीएमजी द्वारा इस वर्ष के आरंभ में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसारइस क्षेत्र में लगभग 420 मिलियन ऑनलाइन गेमर्स हैं जो इसके उपयोगकर्ता आधार हैं और निकट भविष्य में इसमें पांच गुना वृद्धि तय है।

जसप्रीत बिंद्राजो डिजिटल परिवर्तनएआईब्लॉकचेनफ्यूचर ऑफ वर्क से संबंधित विचारकसलाहकार और लेखक हैंउन्होंने अपने हालिया आलेखों में से एक में प्रकाश डाला: “ऑनलाइन स्किल गेमिंग उद्योग को सार्वजनिक रूप से भ्रामक आख्यान का सामना करना पड़ा है जिसमें कभीकभी इसकी तुलना ऑनलाइन जुआ के साथ भी की गई है।” वह आगे कहते हैं, “यह तुलना शायद गलत हैक्योंकि इसमें कौशल आधारित खेल और किस्मत के खेल के बीच एक समानांतर रेखा खींचने का प्रयास किया गया है। एक ‘सूर्योदय क्षेत्र‘ के रूप मेंऑनलाइन गेमिंग उद्योग देश में निवेशनवाचार और धन सृजन के लिए एक मजबूत प्रेरणा शक्ति है। इस क्षेत्र का उद्यम मूल्यांकन 150,000 करोड़ रुपये है और 2025 तक इसके दोगुना होने की उम्मीद है।

ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र

देश के मीडिया और मनोरंजन खंड के बारे में ईवाई की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गेमिंग उद्योग का वार्षिक राजस्व 2025 तक 40,000 करोड़ को पार करने का अनुमान हैजिसका जीएसटी योगदान 6,000 करोड़ होगा। ये आंकड़े ऑनलाइन गेमिंग उद्योग द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने की दिशा में व्यापक योगदान को दर्शाते हैं। जसप्रीत बिंद्रा ने भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नीतियों की सिफारिश करने हेतु प्रस्तावित अंतरमंत्रालयी कार्य बल के बारे में अपने विचार साझा करते हुए इसे “पहला अच्छा कदम” बताया और कहा कि यह इंडस्ट्री के भावी विकास के लिए एक आशाजनक कदम है।

उद्योग को संतुलित नियामक व्यवस्था की उम्मीद है जिससे इस क्षेत्र में नवाचार के लिए सक्षम वातावरण मिल सकेऔर जिससे सट्टेबाजी वेबसाइटोंजुआ आदि जैसे अवसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। सही जांच और संतुलन के साथ आसन्न भविष्य में स्पष्ट और एकीकृत नियामक ढांचानीति निर्माताओं के प्रगतिशील दृष्टिकोण के साथ मिलकर ऑनलाइन कौशल गेमिंग उद्योग को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान करने में मदद कर सकता है।

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