आप के दो विधायक दंगा भड़काने के दोषी पाए गए, जानिए कितनी मिलेगी सजा

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Two AAP MLAs were found guilty of inciting riots, know how much punishment will be given
अखिलेशपति मॉडल टाउन से और संजीव झा बुराड़ी से विधायक हैं।

नई दिल्ली। आप के दो विधायकों को कोर्ट ने दंगा भड़काने का दोषी मानते हुए सजा सुनाई। आप विधायकों पर पुलिस पर हमला करवाने का भी आरोप है। अदालत ने दोनों विधायकों समेत सभी छह दोषियों को कोर्ट 21 को सजा का सुनाएगा। दोषी पाए गए विधायकों में अखिलेशपति त्रिपाठी और संजीव झा शामिल हैं। अखिलेशपति मॉडल टाउन से और संजीव झा बुराड़ी से विधायक हैं।

दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने की कोशिश

मामला 2015 का है। जिसमें आप कार्यकर्ताओं के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। बुराड़ी इलाके में दो बच्चों के साथ जबरदस्ती का मामला सामने आया था। मामले की शिकायत लेकर स्थानीय लोग थाने पहुंचे। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। एफआईआर भी दर्ज नहीं की जा रही है।

इसी बीच आम आदमी पार्टी के संजीव झा और अखिलेशपति त्रिपाठी मौके पर पहुंच गए। दोनों की पुलिस से तीखी नोंकझोक हुई। आप नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर राइफल तान दी। मामला इतना बढ़ा कि तोड़फोड़ शुरू हो गई। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला भी कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को तितर.बितर किया। इस झड़प में नौ पुलिसकर्मी घायल हुए थे। आप के कार्यकर्ताओं को भी चोट लगी थी।

दोनों विधायक आईपीसी की धारा 186 और 332 के तहत भी दोषी ठहराए गए हैं। इसका मतलब होता है कि सरकारी अफसर पर हमला, उसके कार्य में बाधा डालना होता है। धारा 186 के तहत दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक का कारावास, या जुर्माना या फिर दोनों की सजा मिल सकती है। इसी तरह धारा 332 के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कारावास या जुर्माना या फिर दोनों की सजा मिल सकती है।

विधायकों ने यह दलीलें दीं

कोर्ट में सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों के वकील ने बचाव में कई तरह की दलीलें दीं। कहा कि जिस प्रदर्शन को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया, वह शांतिपूर्ण था। विधायक भीड़ को शांत करने वहां पहुंचे थे। लेकिन कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया। पुलिस ने इसको लेकर कई साक्ष्य पेश किए। जिसके बाद अदालत ने पाया कि घटना के समय दोनों विधायक वहां मौजूद थे। यहां तक की भीड़ को भड़काने में भी उनकी भूमिका थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने व आपराधिक साजिश के आरोपों को खारिज कर दिया।

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