महाराजपुर। यह खबर पढ़कर शायद आपकों एक सच्चे देश भक्त के दिल में तिरंगे के प्रति क्या जज्बात होते है यह आपको पता चलेगा। हम बात कर रहे रहे यूपी के पिछड़े जिले महाराजपुर के फरेंदा के गोपलापुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के कर्तव्य पालन की। इन्होंने पहले निभाया देश का फर्ज, फिर पूरा किया भाई का कर्तव्य।
दरअसल फरेंदा के गोपलापुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक भीमसेन गौतम के लिए स्वतंत्रता दिवस का दिन काफी धर्मसंकट वाला रहा। एक ओर उन्हें स्कूल में तिरंगा फहराना था तो दूसरी ओर घर में भाई की अर्थी पड़ी थी, जिसका उन्हें अंतिम संस्कार करना था।
भीमसेन कुछ देर भाई के शव के पास बैठे रहे, फिर घर के अंदर गए और तैयार होकर स्कूल के लिए निकल पड़े। वहां पहले राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाया फिर घर लौटे और भाई की अर्थी लेकर श्मशान घाट निकल पड़े।
छोटा भाई कई दिन से था बीमार
भीमसेन गौतम फरेंदा क्षेत्र के गोपलापुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं। उनके छोटे भाई संघप्रिय गौतम कई दिनों से बीमार थे। घर के लोग उन्हें इलाज के लिए मुंबई ले गए थे, जहां 14 अगस्त को उनकी मौत हो गई। परिजन स्वतंत्रता दिवस के दिन सोमवार को सुबह उनका शव लेकर घर पहुंचे। प्रधानाध्यापक उस समय तिरंगा फहराने के लिए स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे। शव गांव लाते ही घर में रोना.पीटना मच गया। इसके बाद परिजन और ग्रामीण अर्थी की तैयारी में जुट गए।यह समय प्रधानाध्यापक भीमसेन के सामने धर्मसंकट था।
घर में भाई की अर्थी पड़ी थी तो स्कूल में तिरंगा फहराने का समय हो रहा था। थोड़ी देर सोचने के बाद वे तैयार हुए और स्कूल के लिए निकल पड़े। भीमसेन तय समय पर स्कूल पहुंचे और पूरे दायित्व के साथ तिरंगा फहराया। उन्होंने देश के वीर सपूतों को नमन किया और बच्चों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने की शिक्षा दी। इसके बाद वे घर पहुंचे और भाई की अर्थी को लेकर करमैन घाट निकल पड़े। वहां उन्होंने अपने छोटे भाई का अंतिम संस्कार किया। यह खबर निश्चित रूप से देशभक्ति और कर्तव्य की सच्ची कहानी है।
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