प्रथम भारतीय कंपनी, गोदी को भारत में सेलियन सेल्स के लिए बीआईएस प्रमाणन मिलेगा

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Dock, the first Indian company to get BIS certification for sales in India
लिथियम-आयन सेल्स के लिए यह प्रमाणन प्राप्त करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।

लखनऊ-बिजनेस डेस्क। गोदी इंडिया ने अपने 21700 सिलिंड्रिकल NMC811 लिथियम-आयन सेल के लिए प्रतिष्ठित भारतीय मानक ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) प्रमाणन प्राप्त करके एक नई उपलब्धि हासिल की है। बीआईएस की आवश्यकता के अनुसार, गोदी द्वारा डिज़ाइन किया गया और भारत में निर्मित सेल्स का तृतीय पक्ष परीक्षण एजेंसी, टीयूवी द्वारा परीक्षण किया गया और उसे क्वालिफाइ किया गया। इसके साथ, गोदी इंडिया भारत में अपनी स्वदेशी तकनीक से लिथियम-आयन सेल्स के लिए यह प्रमाणन प्राप्त करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।

इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रवेश की योजना

इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए, गोदी इंडिया के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री महेश गोदी ने कहा, “भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रवेश निकट भविष्य में एक वास्तविकता बनने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप, लिथियम-आयन बैटरी आधारित स्टोरेज समाधान प्रमुखता और स्थानीयकरण प्राप्त करेंगे। ऑटोमोटिव और ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों (ईएसएस) दोनों के लिए भारतीय स्थितियों हेतु निर्मित ये विशेष सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

लिथियम-आयन सेल का निर्माण

सेल प्रौद्योगिकी कंपनी होने के नाते, हम इस रोमांचक प्रयास का हिस्सा बनना चाहते हैं। हमारे 21700 एनएमसी 811 लिथियम-आयन सेल के लिए बीआईएस प्रमाण पत्र मिलना गोदी इंडिया की गहन जानकारी एवं आईपी का प्रमाण है और हमारी सेल प्रौद्योगिकी के लिए महत्वपूर्ण समर्थन है। गोदी इंडिया सेल प्रौद्योगिकी के हर स्तर में नवाचार कर रहा है। भारतीय इतिहास में पहली बार, एनएमसी811 21700, 3.65V-4.5Ah सिलिंड्रिकल सेल्स मेड-इन-इंडिया और मेड-फॉर-इंडिया हैं।”

उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के बारे में, श्री महेश ने कहा, “भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक होने की उम्मीद है और ग्राहकों को सुरक्षित एवं लंबी दूरी की बैटरी की तलाश है। भारत में तकनीकी रूप से उन्नत लिथियम-आयन सेल निर्माण करना हमेशा से हमारा सपना था।

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा

आवश्यकता को महसूस करते हुए हम 2024 तक भारत में लिथियम-आयन सेल निर्माण के लिए अपना पहला स्वदेशी गीगा-फैक्ट्री स्थापित कर रहे हैं। नया कारखाना भारत में ईवीएस और स्टेशनरी स्टोरेज उद्योग को महत्वपूर्ण बनाने की भूमिका निभाएगा और हम न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट और CO2 उत्सर्जन के साथ स्थायी बैटरी सेल तैयार करने के लिए अपने सभी प्रयास लगाएंगे।

भारतीय उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम कोटि के सुरक्षित उत्पाद देने के उद्देश्य से, गोदी 30+ इन-हाउस वैज्ञानिकों (पीच.डी) और अनुभवी इंजीनियरों के साथ काम करता है ताकि उनके ग्राहकों को भारत और दुनिया भर में हर अनुपालन को पूरा करने में मदद मिल सके। विनिर्माण संयंत्र में कार्बन-तटस्थ प्रक्रियाओं सहित सभी पहलुओं में नवीनतम तकनीक होगी और नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित होगी।

प्रौद्योगिकी के बारे में और अधिक जानकारी साझा करते हुए, श्री महेश ने आगे कहा, “हमारी उन्नत सेल प्रौद्योगिकी के साथ, हम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिए भंडारण समाधान के अग्रणी प्रदाता बनने का इरादा रखते हैं और जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करने में भी योगदान देंगे। 235 Wh/kg के ऊर्जा घनत्व के साथ हमारे नए विकसित लिथियम-आयन सेल (4.5Ah क्षमता) की लंबी रेंज है जो हमारे ग्राहकों की मांगों को पूरा करती है।”

सरकारी एजेंसियों के साथ निर्माण

गोदी इंडिया लिथियम-आयन सेल के विकास और निर्माण में गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान संस्थानों और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है। आयात की जाने वाली कई कमोडिटी बैटरी किट की तुलना में, गोदी के सेल बेहतर प्रदर्शन और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए बेहतर डिजाइन एवं गुणवत्ता प्रदान करते हैं। सुरक्षा और उच्च ऊर्जा घनत्व के अलावा, गोदी का बीआईएस-प्रमाणित लिथियम-आयन सेल ग्राहकों को सात प्रतिशत लागत बचत देता है। सुरक्षा के संबंध में, कंपनी का मानना है कि एक सेल निर्माता के रूप में यह उनका कर्तव्य है कि वे सही उत्पाद प्रदान करें और गुणवत्ता से कभी समझौता न करें।

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