लखनऊ। यूपी विधानभवन में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया जब बजट सत्र की चर्चा के दौरान बिजली फेल हो गई। इसके बाद सरकार ने सख्ती करते हुए ट्रांसमिशन इकाई के तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया और एक संविदा कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया,जबकि ये बिजली इंजीनियरों एवं कर्मचारी की गलती के बजाय आंधी-पानी के चलते फेल हुई थी। मगर, ट्रांसमिशन प्रबंधन ने इनको दोषी ठहराते हुए कार्रवाई कर दी।
25 से 30 सेकेंड के लिए हुआ अंधेरा
विधान भवन की यह बिजली दोपहर 12:06 बजे उस समय बाधित हुई, जब 132 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र से 33 केवी उपकेंद्र राजभवन को आने वाले एक 33 केवी फीडर की सप्लाई बंद हो गई। इस सप्लाई के कारण 132 केवी गोमतीनगर से आने वाले तीन अन्य 33 केवी फीडर की बिजली भी फेल होने से 25 से 30 सेकेंड के लिए विधान भवन में अंधेरा हो गया।
इसी समय में राजभवन उपकेंद्र के ऑपरेटर ने गोमतीनगर ट्रांसमिशन उपकेंद्र से आने वाले फीडर को चालू करके विधान भवन को रोशन कर दिया। बजट सत्र में बिजली फेल होने पर प्रबंधन ने अधिशासी अभियंता खंड प्रथम संजय पासवान, एसडीओ पुष्पेश गिरि, जेई अमर राज को निलंबित एवं उपकेंद्र के संविदा ऑपरेटर दीपक शर्मा को बर्खास्त कर दिया। सभी के देर शाम आदेश जारी कर दिये गये।
ट्रांसमिशन में हुई थी गड़बड़ी
विधान भवन की बिजली फेल होने में प्रबंधन की नाराजगी की कार्रवाई से राजभवन खंड के अधिशासी अभियंता अनिल वर्मा, एसडीओ शिवम नायक व जेई जगदीश कुमार बाल-बाल ही बचे। आंधी से फेल हुई बिजली इनकी सक्रियता के चलते ही 25-35 सेकेंड में चालू हो सकी। जांच में ट्रांसमिशन की गड़बड़ी से बिजली फेल होने की पुष्टि के बाद ही इंजीनियरों को निलंबित किया गया।जिस समय बिजली फेल हुई, उस दौरान सभी लिफ्ट बंद होने से उसमें पत्रकार सहित कई अधिकारी फंस गये। पत्रकारों व अधिकारियों के लिफ्ट में फंसते ही हड़कंप मच गया। पर, बिजली चालू होने के बाद भी कुछ समय तक सभी लिफ्ट में फंसे रहे।
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