ज्ञानवापी:जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई पूरी कल आ सकता है कोई फैसला

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Gyanvapi: Hearing was held in the district judge's court, a decision may come tomorrow
इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है।

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद या मंदिर होने के विवादित में मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है। अब इस मामले में मंगलवार अदालत का फैसला दे सकती हैं। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रखा है। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले में आगे सुनवाई योग्य है या नहीं।

आपकों बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें जिला जज की अदालत पर टिकी हैं। इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आज हुई। इस दौरान कचहरी परिसर और आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।

अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख दी जाएगी। हम लोगों ने कमीशन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की सीडी और तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए एक आवेदन दिया था। वहीं अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि हिंदू पक्ष का दावा मजबूत है। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और बाकी सबूतों का अध्ययन करने के बाद कोर्ट कोई फैसला देगा। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं।

अदालत में मौजूद रहे कुल 23 लोग

आपकों बता दें कि जब इस मामले की सुनवाई चल रही थी उस वक्त अदालत में कुल 23 लोग मौजूद रहे। पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों के 19 वकीलों और चार याचिकाकर्ता कोर्ट रूम में मौजूद रहे। अंदर जाने की अनुमति उन्हें मिली जिनका नाम सूची में दर्ज था।

अखिलेश और ओवैसी समेत आठ के खिलाफ याचिका

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव समेत आठ के खिलाफ अदालत में अर्जी दी। धार्मिक विद्वेष फैलाने, मानसिक व धार्मिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की अदालत से अपील की गई है। अदालत ने चौक थाने से रिपोर्ट तलब

महंत ने अदालत में दिया आवेदन

वहीं इस मामले में जिला जज की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने रूल एक नियम 10 के तहत पक्षकार बनने, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन और राग भोग सेवा के लिए आवेदन दिया। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के लिए दोनों पक्ष के अधिवक्ता जिला जज की अदालत में पहुंच चुके हैं। वाराणसी जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नया आवेदन दिया है। जिसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर सीनियर डिवीजन की अदालत में हुए अब तक कई कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए निस्तारण गुण-दोष के आधार पर करने की मांग की गई है।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने जमानत की सभी याचिकाओं को दूसरी अदालत में ट्रांसफर कर दिया है। जिला जज आज सिर्फ ज्ञानवापी के मसले पर सुनवाई करेंगे। नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत के वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई होगी।

इन मामलों में होगी सुनवाई

मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने की मांग के साथ ही डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय के मछलियों को संरक्षित करने और वजू स्थल को हटाने और वादी पक्ष के दीवार तोड़ने के आवेदन पर सुनवाई होगी। साथ ही कमीशन रिपोर्ट पर भी आपत्ति मांगी गई है।

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