गोदरेज एग्रोवेट ने फिर से लॉन्च किया Summer Cool – गर्मी में मवेशियों को हीट स्ट्रेस से राहत देने का एक प्रभावी उपाय

Godrej Agrovet re-launches 'Summer Cool' – an effective solution to relieve cattle from heat stress in summer

यह इन नुकसानों की भरपाई कर सकता है और दूध उत्पादन में गिरावट को कम कर सकता है।

  • हाइड्रेशन को बढ़ाता है और हीट स्ट्रेस से होने वाली उत्पादकता की हानि को करता है कम
बिजनेस डेस्क। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (Godrej Agrovet) देश की प्रमुख बहु-क्षेत्रीय एग्रो-आधारित कंपनी है ने मवेशियों को अत्यधिक गर्मी से होने वाले हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए बनाए गए सप्लीमेंट ‘Summer Cool को फिर से लॉन्च किया है। गर्मी के मौसम में अत्यधिक तापमान के कारण पशुओं के दूध उत्पादन में गिरावट, ऊर्जा की कमी, प्रजनन क्षमता में कमी और अत्यधिक पसीने के कारण प्रोटीन व खनिजों की कमी हो जाती है। ऐसे में यदि ‘समर कूल’ को उचित मात्रा में पानी या चारे में मिलाकर सही समय पर दिया जाए, तो यह इन नुकसानों की भरपाई कर सकता है और दूध उत्पादन में गिरावट को कम कर सकता है।

न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट

गॉडरेज एग्रोवेट लिमिटेड के कैप्टन (डॉ.) एवाई राजेन्द्र ने कहा: “किसान अत्यधिक गर्मी जैसे मौसम संबंधी खतरों के कारण पशुओं की सेहत बनाए रखने में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हीट स्ट्रेस न केवल दूध उत्पादन बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य और प्रजनन पर भी नकारात्मक असर डालता है।”‘समर कूल’ विटामिन से भरपूर, वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया एक न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट है जिसमें लाइव यीस्ट भी मौजूद है, जो पशुओं की पाचन क्रिया, पोषक तत्वों के अवशोषण और आंतों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह शरीर का तापमान नियंत्रित करता है, जलयोजन बढ़ाता है और भीषण गर्मी में भी पशुओं की उत्पादकता बनाए रखता है।समर कूल जैसे वैज्ञानिक समाधान प्रदान करके हम किसानों की मदद करना चाहते हैं ताकि वे अपने पशुओं की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकें, दूध उत्पादन बनाए रखें और अपने डेयरी फार्म की उत्पादकता बढ़ा सकें। इससे भारत के लगभग 8 करोड़ डेयरी किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी और हमारा देश दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी बना रहेगा।”

हीट स्ट्रेस से बचाना

जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे वहां के लगभग 5.20 लाख गायों और भैंसों को हीट स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। 1 इससे दूध उत्पादन में 15-20% तक की गिरावट, चारे की खपत में कमी, जल खपत में वृद्धि और पशु स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव देखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है। हाल के दौर में उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है, इन चुनौतियों का समाधान करना राज्य के डेयरी क्षेत्र की निरंतर सफलता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक हो गया है।

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