हाथरस। यूपी के मैनपुरी में पुलिस की गोली से ढेर हुआ एक लाख के इनामी हाथरस का कुख्यात अपराधी Jitu Thakurने जरायम की दुनिया में पहले अकेले कदम रखा। बाद में गिरोह बनाकर वारदात को अंजाम देने लगा। उसके गिरोह में कई शातिर अपराधी शामिल थे।मुठभेड़ एलाऊ थाना क्षेत्र की तारापुर कट पुलिया पर हुई। उसका एक साथी मौके से भाग निकला। मुठभेड़ में मारा गया जीतू 22 साल से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। 18 साल की उम्र में रिश्ते की चाची को गोली मारकर घायल करने की वारदात से जरायम की दुनिया में कदम रखने वाला जीतू। हर बार नया गैंग बनाकर अपराध करता था।
गांव से ही शुरू किया अपराध
साल 2003 में थाना जंक्शन क्षेत्र में जीतू ने नाली सफाई के विवाद में गांव में ही रिश्ते की चाची को गोली मार दी थी,जिससे वह बच गई थी, इस मामले में पुलिस ने उसे तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था। यह उसका पहला अपराध था, इसके बाद वह वारदात पर वारदात करता रहा। 2005 में गांव पहाड़पुर में ही मनोहर लाल शर्मा के घर में चोरी के इरादे से गैंग लेकर घुसा था। इस दौरान मनोहर लाल घर पहुंच गए और उन्होंने जीतू को पहचान लिया, जिस पर उसने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। 2007 में उसके खिलाफ जानलेवा हमले का एक और मुकदमा दर्ज हुआ। हसायन क्षेत्र में छह जनवरी 2009 को एक प्रधानाचार्य की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके खिलाफ हाथरस जंक्शन थाने में 21, हसायन थाने में दो, हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड में एक और मैनपुरी में एक सहित लूट, मारपीट, धमकाने, जानलेवा हमले आदि धाराओं के 25 मुकदमे दर्ज हैं।
जीतू पर 25वां केस एलाऊ थाने में दर्ज
मुठभेड़ से पहले जीतू पर कुल 24 केस दर्ज थे। अब पुलिस मुठभेड़ का 25वां केस एलाऊ थाने में दर्ज हुआ है। एलाऊ थाना इंस्पेक्टर अवनीश त्यागी और एसटीएफ आगरा के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह की ओर से यह केस दर्ज कराया गया है। इसकी विवेचना किसी अन्य थाने को दी जाएगी। मुठभेड़ की वैज्ञानिक जांच के लिए एफएसएल की टीम ने मौके पर जाकर मृतक के रक्त सैंपल, मुठभेड़ स्थल से मिट्टी का नमूना व अन्य सैंपल लिए भरे। इन सभी की जांच आगरा एफएसएल में होगी।
मां बोली-एक माह पहले मिला था जीतू
पुलिस मुठभेड़ में ढेर अपराधी जीतू उर्फ जितेंद्र के परिजन उसकी मौत की खबर पाकर मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे। जीतू का शव देख उसकी मां राजकुमारी और बहन साधना फूट-फूटकर रोने लगीं। पत्नी दीक्षा और बेटी नहीं आईं। 39 वर्षीय जीतू उर्फ जितेंद्र की मां राजकुमारी ने कहा कि बेटे को वर्ष 2005 में हत्या के झूठे केस फंसाया गया था। हत्या पड़ोसी गांव में हुई थी। राजकुमारी ने कहा कि उस मुकदमे की सीबीआई जांच की मांग परिवार शुरू से कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक माह पहले बेटा एक रात चोरी-छिपे मिलने के लिए आया था। तब वह पुलिस केसों को लेकर खूब रोया था। बहन साधना ने कहा कि भाई सामान्य जीवन जीना चाहता था। मगर, पुलिस केस और उसके दुश्मनों ने उसे अपराध का रास्ता नहीं छोड़ने दिया। राजकुमारी ने बताया कि बहू दीक्षा नहीं आ पाई है। वह मायके में है। उसे सूचना दे दी गई है।
हाथरस के राशन डीलर योगेश उपाध्याय की हत्या में पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। हत्या प्रधानी की रंजिश के चलते की गई थी। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन मुख्य आरोपी जीतू ठाकुर फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित करने के साथ उसके घर की कुर्की भी कराई थी।
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