कन्नौज। सपा के नेता एक के बाद एक दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले में जेल जा रह है। अयोध्या के मुईद के बाद अब कन्नौज के नवाब सिंह को पुलिस ने एक किशोरी से छेड़खानी के आरोप में जेल भेजा। पुलिस अब इस सपा नेता की क्राइम कुंडली जैसे— जैसे खोलनी शुरू की वैसे —वैसे इसके एक से बढ़कर एक अपराध सामने आने लगे। बता दें कि नवाब सिंह अखिलेश यादव का खासमखास है। अखिलेश ही नहीं डिंपल यादव के साथ भी फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है। वहीं सपा ने अपने इस सिपेहसलार से दूरी बनानी शुरू कर दी।
कन्नौज पुलिस ने सोमवार को छेड़खानी के आरोपी में गिरफ्तार करके नवाब सिंह यादव की जेल भेज दिया। सोमवार की देर शाम नवाब के खिलाफ अब तक दर्ज अलग-अलग मुकदमों की सूची जारी की। इसमें बलवा, लूट, मारपीट, धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं, जो सदर और तिर्वा कोतवाली में दर्ज हैं। हालांकि नवाब सिंह यादव के समर्थकों का तर्क है यह सभी मुकदमें राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े हैं।
भाजपा ने सपा को घेरा
कन्नौज के एक असरदार नेता के छेड़छाड़ के मामले में जेल जाने से जिले की सियासत में गरमा गई है। भाजपा इसे लेकर सपा को घेरना शुरू कर दिया। वहीं, सपा ने मामले से पल्ला झाड़ रखा है। इस बीच पुलिस अपना काम करने में जुटी है। रविवार की रात हिरासत में लेने के बाद सोमवार की दोपहर कोर्ट में पेश करने के बाद शाम में जेल भेज दिया गया। सोमवार को किशोरी की मेडिकल जांच जिला अस्पताल में कराई गई। देर शाम तक पुलिस ने नवाब सिंह यादव के खिलाफ दर्ज अब तक के सभी मुकदमों की फेहरिस्त जारी कर दी है। इसमें पहले से दर्ज 15 मुकदमों के अलावा रविवार की रात दर्ज हुआ 16वां मुकदमा भी शामिल है।
सपा ने बनाई दूरी
नवाब सिंह यादव को जानने वाले लोग उन्हें सपा का कद्दावर नेता और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का करीबी ही मानते रहे हैं। सपा शासन के दौरान सत्ता के गलियारों में नवाब सिंह यादव की काफी धमक थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान तिर्वा विधानसभा सीट से टिकट की मांग पूरी नहीं होने पर खेमेबंदी शुरू हो गई। दोनों पक्ष में खटास तब और बढ़ गई, जब वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से डिंपल यादव चुनाव हार गईं। तब अंदरखाने नवाब सिंह यादव पर ही ठीकरा फोड़ा गया था। उसके बाद से सपा ने पूरी तरह से दूरी बना रखी थी।
हालांकि नवाब सिंह यादव अपनी ओर से किए जाने वाले धरना-प्रर्दशन को सपा से ही जोड़ कर देखा जाता रहा है। सियासी चर्चाओं के मुताबिक वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब खुद अखिलेश यादव ने यहां से दावेदारी की तो नवाब सिंह यादव ने उनके लिए प्रचार किया था। पिछले महीने 25 जुलाई को नवाब सिंह की मां का निधन हो गया तो अखिलेश यादव ने उस पर दुख जताया था। वहीं, इस प्रकरण के बाद पार्टी ने पूरी तरह से नवाब से पल्ला झाड़ लिया है।
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