पटना। वैसे तो इन दिनों पूरे उत्तर भारत में भयंकर गर्मी पड़ रही हैं, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां गर्मी जानलेवा हो गई है। यूपी का बुंदेलखंड और बिहार के कई जिले। बुंदेलखंड के महोबा जिले में एक ही दिन एक बच्चे समेत 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, बेगूसराय समेत कई जिलों में 73 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार को औरंगाबाद में सर्वाधिक 15 मौतें हुईं।
इसके बाद पटना में 11लोगों की भोजपुर में पांच मतदानकर्मियों सहित 10 की मौत हुई, जबकि रोहतास में आठ, कैमूर में पांच, गया में चार, मुजफ्फरपुर में दो के अलावा बेगूसराय, जमुई, बरबीघा और सारण में एक-एक व्यक्ति की ऐसे ही चलते-फिरते मौत होने की जानकारी आई। गुरुवार को हुई 59 मौतों और बुधवार को हुई 14 मौतों के साथ बिहार में भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 73 हो गई है। चूंकि ज्यादातर लोगों का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा रहा है, इसलिए प्रशासनिक तौर पर लू से मौत की पुष्टि नहीं की जा रही है।
गर्मी और लू से जान गंवा रहे लोग
बता दें कि बिहार में बुधवार को करीब साढ़े तीन सौ बच्चे और शिक्षक स्कूलों में लू के कारण बेहोश हो गए तो राज्य सरकार ने शाम छह बजे जाकर घोषणा की कि गुरुवार से आठ जून तक स्कूल बंद रहेंगे। गुरुवार को स्कूल खुले, बच्चों को लौटा दिया गया लेकिन शिक्षकों को दोपहर बाद डेढ़ बजे तक बैठाए रखा गया। वहीं लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान को लेकर तैयारियों में जो लोग लगे थे- संकट उन पर भी रहा।
रोहतास में मतदान ड्यूटी वाले दो शिक्षकों की मौत की खबर आई। भोजपुर में पांच मतदानकर्मियों की मौत हो गई। मतदान में लगे या सरकारी ड्यूटी के दौरान इस तरह जान गंवाने वालों को भी मुआवजा दिए जाते समय मौत की वजह का प्रमाण देना होगा, लेकिन हकीकत यह है कि दो दिनों के अंदर सड़क पर, बस स्टैंड, स्टेशन आदि में चलते-टहलते मरने वालों की न तो मौत की प्रशासनिक पुष्टि की जा रही है और न कोई अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा हुई है।
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