आजम खां की अनदेखी सपा को पड़ रही भारी, पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ ऐसे बन रहा माहौल, इन सीटों पर भी फंसा पेंच

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Azam Khan's neglect is costing SP dearly, such an atmosphere is being created against the party candidate, there is a problem in these seats too.
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने पार्टी प्रत्याशी मौलाना मोहिब्बुल्लाह के खिलाफ बसपा के प्रत्याशी जीशान खां को चुनाव लड़ाने का एलान किया है।

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव हर चुनाव में सीट बंटवारे में गच्चा खा जाते है, इसका प्रमुख कारण उनका ओवरकॉफिडेंस। वह यह सोच का ​टिकट बंटवारा करते है कि उनका जो आदेश होगा पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें आंख मूंदकर पालन करेंगे। इसी फेर में वह एक सीट पर तीन—तीन बार प्रत्याशी बदल देते है। इसलिए वहां गैरों से ज्यादा अपनों से लड़ाई कठीन हो जाती है। इसके अलावा अखिलेश खुद को अकेला सपा का क्षत्रप समझने लगे है, इसलिए वह कई बार वरिष्ठ नेताओं के गुस्से का शिकार होते हे ।

कुछ ऐसा ही हाल रामपुर सीट पर हो रहा है। आजम खां ने सपा प्रमुख से चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने मौलाना मोहिब्बुल्लाह को मैदान में उतार दिया। इससे आजम के साथ ही उनके समर्थक सपा प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में आ गए। यहां वोट का बंटवारा होने से विपक्ष का रहा आसान हो गई इस तरह सपा ने अपना एक मजबूत किला खुद ढहा दिया। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने पार्टी प्रत्याशी मौलाना मोहिब्बुल्लाह के खिलाफ बसपा के प्रत्याशी जीशान खां को चुनाव लड़ाने का एलान किया है।

इसलिए नाराज है आजम खां

रामपुर में जब सपा का जिला कार्यालय सील किया गया, तब वीरेंद्र गोयल ने अपनी जमीन पर नया कार्यालय खुलवाया। आजम के साथ ही गोयल के खिलाफ भी बकरी चोरी समेत करीब 11 मुकदमे दर्ज हैं। वीरेंद्र गोयल समेत आजम समर्थकों का आरोप है कि सपा प्रत्याशी मोहिब्बुल्लाह उन लोगों के यहां जा रहे हैं, जिन्होंने आजम खां व उनके समर्थकों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए हैं।

यहां भी अंदरूनी लड़ाई

रामपुर की तरह ही अखिलेश यादव ने मुरादाबाद सीट को फंसा दिया, यहां ऐन वक्त एमटी हसन की जगह रूचिवीरा सिंह को उतारकर आधे सपाईयों को नाराज कर दिया, वहां भी अंदरूनी लड़ाई अपने चरम पर है।कुछ ऐसा ही माहौल उन्होंने बदायूं सीट का कर दिया, जहां अभी तक जनता समझ नहीं पा रही है, यहां ​से शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे है या आदित्य यादव। दरअसल यहां बदले समीकरण की वजह से शिवपाल यादव को हार नजर आने लगी है, इसलिए खुद मैदान में न उतरकर बेटे आदित्य के लिए जमीन तैयार करने में जुट गए। मेरठ में भी तीन बार प्रत्याशी बदलकर सपा ने अपने ही खिलाफ माहौल बना दिया।

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