मेरठ। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की प्रत्याशी बदलने की रणनीति पार्टी को भारी पड़ सकती है। जिस प्रत्याशी का टिकट कट रहा है वह बागी रूप अख्तियार कर रहा है। नहीं तो भीतर घात की तैयारी में जुटा जा रहा है। पहले मुरादाबाद में बार— बार प्रत्याशी बदला गया, ठीक उसी तरह बदायूं और मेरठ में तीसरी बात प्रत्याशी बदला गया है, इससे पहले को दो प्रत्याशी बगावत पर उतारू हो गया। कुछ ऐसा ही हाल बदायूं सीट का है, जहां बिगड़े समीकरण देखते हुए तीसरी बार प्रत्याशी बदलने की तैयारी चल रही है।
विधायकी भी छोड़ेंगे अतुल प्रधान
बता दें कि अखिलेश यादव ने विधायक अतुल प्रधान को लोकसभा चुनाव देकर मैदान में उतारा था। उन्होंने बुधवार को नामांकन भी किया था, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने सुनीता वर्मा को टिकट दे दिया। टिकट कटने से नाराज अतुल प्रधान पार्टी के साथ ही विधायकी छोड़ने की पेशकश कर दी। सूत्रों के अनुसार वह आज ही विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेज सकते हैं। वहीं सपा के पुराने सहयोगी जयंत चौधरी ने एक्स पर चुटकी ली है। उन्होंने एक पोस्ट करते हुए लिखा कि विपक्ष में किस्मत वालों को ही कुछ घंटों के लिए लोक सभा प्रत्याशी का टिकट मिलता है! और जिनका टिकट नहीं कटा, उनका नसीब…
भानु का काटकर मिला था टिकट
अतुल प्रधान ने पर्चा दाखिल कर दिया था लेकिन सपा में घमासान नहीं थमा। वहीं अन्य दावेदार लखनऊ में डटे हुए थे। बुधवार रात से ही यह चर्चा थी कि नया एलान हो सकता है। भानु प्रताप सिंह, रफीक अंसारी और योगेश वर्मा लखनऊ में डटे हुए हैं। सपा में टिकट को लेकर खत्म खींचतान जारी रही और फिर गुरुवार को सुनीता वर्मा के नाम का एलान कर दिया गया। भानु प्रताप का टिकट काटकर अतुल प्रधान को सोमवार रात टिकट हुआ था। सपा से अतुल प्रधान और बसपा से देवव्रत त्यागी ने पर्चा भरा था, दोनों पार्टी के उम्मीदवारों ने भाजपा प्रत्याशी पर निशाना साधा, नामांकन पत्र जमा करने के बाद अतुल प्रधान ने मीडिया से बातचीत भी की थी, लेकिन कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचे।वहीं जिसका टिकट कट रहा है वही दबी जुबान में टिकट बेचने का आरोप लगा रहा है।
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