कोलकाता। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी राजनीतिक और कानूनी रूप से संदेशखाली प्रकरण में फंसती नजर जा रही है। जहां एक तरफ बीजेपी इस मुददे को छोड़ने को तैयार नहीं है। वहीं सरकार पार्टी से निकालने के बाद भी शाहजहां को बचाने से चूक नहीं रही हैं, कोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीआई को सौंपना नहीं चाह रही है। इस मामले में कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि आरोपी को आज शाम तक हर हाल में सीबीआई को सौंपे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की।महिलाओं ने प्रधानमंत्री को आपबीती सुनाई, पीएम नेसंयम के साथ पीड़िताओं की बात सुनीं।
महिलाओं का छलका दर्द
पार्टी प्रमुख और सरकार प्रमुख एक महिला के होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में महिलाओं के अत्याचार की दास्तां सुनकर पीएम मोदी जहां भावुक हो गए, वहीं आप बीती सुनाते— सुनाते महिलाएं रो पड़ी। महिलाओं ने बताया कैसे टीएमसी नेता शाहजहां उनकी जमीन पर कब्जा कर लेता था, उन लोगों को घर से उठाकर शोषण किया जाता था। प्रधानमंत्री ने उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में एक रैली को संबोधित किया। संदेशखाली भी बशीरहाट के तहत ही आता है। इसी दौरान प्रधानमंत्री ने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं के समूह से मुलाकात की।
टीएमसी सरकार पर बरसे पीएम
प्रधानमंत्री ने रैली के दौरान भी राज्य की टीएमसी सरकार पर निशाना साधा और संदेशखाली की घटना पर कहा कि बंगाल की ये भूमि नारीशक्ति की बहुत बड़ी प्रेरणा केंद्र रही है, लेकिन इसी धरती पर टीएमसी के राज में नारीशक्ति के खिलाफ घोर पाप हुआ। संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ, उससे किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा, लेकिन टीएमसी सरकार को आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता। टीएमसी सरकार महिलाओं के गुनहगारों को बचाने में पूरी शक्ति लगा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारीशक्ति के आक्रोश का ये ज्वार संदेशखाली तक सीमित नहीं रहने वाला। तुष्टिकरण और टोलाबाजों के दबाव में काम करने वाली टीएमसी सरकार कभी भी बहन-बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती।
शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपें
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को एक बार फिर निर्देश दिया है कि वह संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंपे। आरोपी शाहजहां शेख को लेकर कोर्ट ने कहा कि राज्य पुलिस ने इस मामले में लुकाछिपी का खेल खेला है। आरोपी बेहद राजनीतिक प्रभाव वाला व्यक्ति है। आज शाम 4:15 बजे तक जांच सीबीआई को सौंप दी जाए और आरोपी की हिरासत भी केंद्रीय एजेंसी को दे दी जाए।
अभी भी बचाने में जुटी ममता सरकार
टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए। कोर्ट बंगाल पुलिस को पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण आचरण के लिए फटकार लगाते हुए कहा था कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है। इसके कुछ ही घंटों के अंदर ही पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।इस बीच सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया।
एजेंसी की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता स्थित सीआईडी कार्यालय भी पहुंची, लेकिन उसे हिरासत नहीं सौंपी गई।
इसे भी पढ़ें…