ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने हिंदुओं को व्यासजी के तहखाने में पूजा अर्चना की मिली अनुमति

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In Gyanvapi case, the court gave permission to Hindus to worship in the basement of Vyasji.
तहखाने में पूजा करने की अनुमति मिल गई है।

वाराणसी। 31 साल बाद ज्ञानवापी केस में हिंदुओं के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया। इससे हिंदुओ में खुशी की लहर है। अब मां गौरी के भक्त व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना कर सकेंगे। ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा करने संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। अदालत ने इस प्रकरण में बुधवार को अपना आदेश सुनाया। तहखाने में पूजा करने की अनुमति मिल गई है।

बैरिकेडिंग खोलने की मांग

एक दिन पहले वादी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और दीपक सिंह ने कोर्ट में दलील पेश की। कहा कि उनकी तरफ से दिए गए आवेदन के एक भाग को अदालत ने पहले ही स्वीकार कर लिया है। इसके तहत व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। हमारा दूसरा अनुरोध है कि जो बैरिकेडिंग नंदीजी के सामने की गई है, उसे खोलने की अनुमति दी जाए। व्यासजी के तहखाने में वर्ष 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने-जाने दिया जाए।

इस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। वहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम से बाधित है। तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। लिहाजा, वहां पूजा-पाठ कि अनुमति न दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश के लिए बुधवार की तिथि नियत कर दी।

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