आगरा। आगरा में ब्रहमकुमारी सगी बहनों द्वाराआत्महत्या करने के बाद एक बार फिर धार्मिक आश्रमों में चलने वाले काले साम्राज्य का पर्दाफाश हुआ हैं।दोनों बहनों ने मरने से पहले सुसाइड नोट में अपनी जो पीड़ा लिखी है, उसे पढ़कर हर किसी का कलेजा कांप जाएगा। शायद वह माता-पिता एक बार जरूर सोचेंगे जो अपनी बेटियों को आश्रम में धर्म के नाम पर गुरुओं की सेवा करने के लिए समर्पित करते है। सगी बहनों के मरने से पहले लिखी बातों की माने तो पता चलेगा कैसे लोग धर्म की आड़ में आश्रम को अय्याशी का अड्डा बना लेते हैं।
आशाराम से बदत्तर बताया
यह दिल दहलाने वाला मामला आगरा के जगनेर थाना क्षेत्र का है। यहां की रहने वाली सगी बहनों एकता (38) और शिखा (32) ने जीवन में शांति के लिए कुछ वर्ष पहले प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम को खुद को समर्पित किया था, लेकिन उन्हें ने पता था कि यहां उनका जीवन इतना नारकीय हो जाएगा की उन्हें अपना जीवन ही खत्म करना पड़ेगा। चार पेज के पत्र में आश्रम के कर्ता— धर्ताओं को आशाराम से बदत्तर बताया।
बहनों ने मरने से पहले नीरज उसके पिता ताराचंद के अलावा इसके बहन के ससुर गुड्डन पर आश्रम की महिलाओं की इज्जत को तार- तार करने की बात लिखी हैं। एकता के शब्दों में इसके कृत्य आशाराम बापू से भी अधिक बदतर है। उन तीनों को आजीवन जेल की सजा मिले। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी से कार्रवाई की प्रार्थना की है। साथ ही अपने भाई को इन आरोपियों पर कार्रवाई के लिए हर लड़ाई लड़ने का निवेदन किया हैं।
भाई ने दर्ज कराई रिपोर्ट
सगी बहनों की आत्महत्या के मामले में मृतका के भाई सोनू सिंघल की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर, शव को पंचनामा की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए आगरा भेजा गया है। साथ ही दो आरोपयिों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ चल रही है। एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया है। एकता और शिखा के पिता अशोक कुमार सिंघल ने बताया कि दोनों ने करीब आठ साल पहले माउंट आबू स्थित ब्रह्माकुमारी के मुख्यालय में दीक्षा ली थी। इसके बाद दोनों ने जगनेर में सेंटर शुरू किया था।
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