सीतापुर।कम उम्र में बेटे को विधायक बनाने के लिए नकली जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर फंसे आजम खां परिवार को अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। कोर्ट सजा के बाद आजम परिवार को तीन जिलों के जेलों में शिफ्ट कर दिया गया। आजम खां को सीतापुर की जेल में 17 माह बाद फिर शिफ्ट कर दिया गया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार सुबह उन्हें रामपुर से सीतापुर कारागार तक लाया गया। इससे पहले सपा नेता आजम खां सीतापुर की जेल में करीब दो साल तीन महीने तक बंद रहें। 88 मुकदमे दर्ज करने के बाद फरवरी 2020 में उनको सबसे पहले जिला कारागार लाया गया था। उनकी पत्नी तंजीम फातिमा, बेटा अब्दुल्ला आजम भी कारागार लाए गए थे। हालांकि इस बार बेटे अब्दुल्ला आजम को हरदोई जेल भेज दिया गया है। वहीं आजम की पत्नी तंजीम फातिमा रामपुर की जेल में बंद हैं।
पुरानी बैरक में रखे गए आजम
जेल अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि आजम खां को उच्च सुरक्षा में रखा गया है। जेल में पांच पुरानी बैरकें हैं। उनमें से एक में ही उनको रोका गया है। एक बैरक में दो लोग रह सकते हैं। रविवार के दिन मिलाई बंद रहती है। इसलिए उनसे कोई नहीं मिल पाया है। नियम यह है कि महीने में सिर्फ चार बार उनसे कोई मिल सकता हैं।
एनकाउंटर का डर जताया था
शासन के निर्देश पर पूर्व मंत्री व सपा नेता आजम खां को रविवार सुबह पांच बजे रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। उनके बेटे अब्दुल्ला को वहीं से हरदोई जेल भेजा गया। जबकि पत्नी तजीन फात्मा को रामपुर जेल में ही रखा गया है। सुबह-सुबह रामपुर जेल से बाहर आते ही आजम का पारा चढ़ गया और गाड़ी पर बैठने से ना-नुकुर करने लगे। कहा कि हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है।
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