पीलीभीत। यूपी के पीलीभीत जिले से बड़ा रोचक मामला सामने आया है, यहां बीस साल पहले सरकरी गबन के 170 रुपये के गबन के मामले में कोर्ट ने रिटायर हो चुके सेवानिवृत्त तीन अफसरों को चार— चार साल की सजा और 16 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल बीस वर्ष पहले इन तीन लोगों ने सरकार से धोखाधड़ी करते हुए एक होमगार्ड को दो दिन छुट्टी पर रहने के बाद भी भुगतान कर दिया था,जिसकी जांच सीबीसीआईडी ने करके कोर्ट में पेश किया था, जिसकी सुनवाई बीस वर्ष लग गए। आरोप सिद्ध होने के बाद शनिवार को कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सजा और जुर्मान सुनाया।
पूरनपुर थाने में दर्ज हुआ था मामला
170 रुपये गबन का यह मामला वर्ष 2003 में पूरनपुर थाने से जुड़ा हुआ है। दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना शासन के आदेश पर सीबीसीआईडी ने की थी। विवेचना के मुताबिक होमगार्ड सूरज प्रसाद की चौकी घुंघचाई में रात को ड्यूटी लगी थी। वह 10 सितंबर को ड्यूटी से गैरहाजिर रहा तो इसकी सूचना (तस्करा) चौकी के मुंशी राजाराम ने जीडी में अंकित कर दी। सूरज 13 सितंबर को लौटा तो भी जीडी में वापसी का तस्करा दर्ज किया गया। इसके मुताबिक सूरज 10 से 12 सितंबर तक गैरहाजिर रहा।
प्लाटून कमांडर चुन्नी लाल ने सितंबर का मस्टररोल तैयार किया। इसमें होमगार्ड को केवल 11 सितंबर को ही अनुपस्थित दिखाया गया। सूरज की 10 व 12 सितंबर की उपस्थिति दिखाई गई। कंपनी कमांडर अब्दुल नफीस ने अपने हस्ताक्षर से मस्टररोल पूरनपुर के ब्लॉक ऑफिसर रोशन लाल वर्मा को भेज दिया। बाद में भुगतान के लिए यह मस्टररोल जिला कमांडेंट को भेजा गया।
उसके आधार पर होमगार्ड का 29 कार्यदिवस के 2465 रुपये का भुगतान हो गया। होमगार्ड सूरज ने 10 व 12 सितंबर को गैरहाजिर रहते हुए भी दो दिन के 170 रुपये प्राप्त कर लिए। न्यायालय ने सूरज, चुन्नी लाल, अब्दुल नफीस व रोशन लाल वर्मा को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। तीनों पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
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