लखनऊ: रालोद नेता ने महिला आरक्षण को यूं दिया समर्थन, उठाई ये मांगें

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उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित व ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं को भी मिले, इस बात का ध्यान इस आरक्षण में रखा जाना चाहिए क्योंकि इन वर्गो की सामाजिक संरचना और पिछड़ेपन को देखते हुए जो अभी भी पिछड़े हैं, उस स्वरूप को ध्यान में रखने की जरूरत है।

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने महिलाओं को संसद और राज्यसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल चाहता है कि इस आरक्षण का लाभ 2024 के लोकसभा चुनाव तथा 5 राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनाव में ही देश की जनता को मिले। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह ने सन् 1977 में ही महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने की वकालत की थी और कहा था कि महिलाओं को संसद और राज्यसभा और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए।

सरकार की मंशा पर यूं उठाए सवाल

श्री दुबे ने कहा कि केन्द्र सरकार ने महिलाओं को आरक्षण देने के प्रस्ताव के लिए ही 10 वर्ष लगा दिये और 2024 का लोकसभा चुनाव आते ही उन्होंने इसे यह प्रस्ताव लाने का निर्णय केवल चुनाव के लाभ के लिए किया है। उन्होंने कहा कि अगर इनकी मंशा साफ है तो महिलाओं को आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनावों में इस आरक्षण का लाभ देें। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित व ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं को भी मिले, इस बात का ध्यान इस आरक्षण में रखा जाना चाहिए क्योंकि इन वर्गो की सामाजिक संरचना और पिछड़ेपन को देखते हुए जो अभी भी पिछड़े हैं, उस स्वरूप को ध्यान में रखने की जरूरत है।

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