लखनऊ। यूपी की राजनीति से निकलकर देश की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने के प्रयास में जुटे अखिलेश यादव इन दिनों दोहरी राजनीति कर रहे है। पर्दे के पीछे वह मुस्लिमों का वोट पाने के लिए पहल कर रहे है, दूसरी तरफ वह पर्दे के आगे साफ्ट हिन्दुत्व की राजनीति कर रहे है। उनके इस सपने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। ओवैसी ने कहा,”पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश की पार्टी सपा को एकतरफा मुस्लिम वोट मिला।
भाजपा पूरे देश में मुसलमान को निशाना बना रही है और अखिलेश कह रहे हैं कि असली हिंदुत्व को बचाना है। आप संविधान को नहीं बचाएंगे। आप धर्मनिरपेक्षता को नहीं बचाएंगे।” बता दें कि ओवैसी की पार्टी अभी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं है, अगर पूरे देश में अपने प्रत्याशी उतारते है तो विपक्ष को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा, खासकर मुस्लिमों के वोट पर राजनीति करने वाले।
ओवैसी के बयान से हड़कंप
हैदराबाद के सांसद ओवैसी के इस बयान से यूपी के साथ ही देश के मुसलमान वोटर्स को लेकर सियासत गर्म हो गई है। ओवैसी के इस बयान से आगामी चुनाव में मुस्लिम वोटरों की दिशा तय करेगा। अगर मुसलमान वोटर्स ओवैसी की बात मानेंगे तो मुस्लिम मतों का बंटना तय है, जिसका फायदा बीजेपी को सीधे तौर पर मिलेगा। दरअसल देश की 20 फीसदी सीटों पर मुस्लिम वोटर्स प्रभावित करती है। बता दें कि 5 अगस्त को लखनऊ में जनेश्वर मिश्र की जयंती पर अखिलेश यादव श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। ज्ञानवापी पर सवाल पूछने पर अखिलेश बोले,”भाजपा हिंदू-मुस्लिम समाज में बंटवारा कर रही है। इसे रोकने के लिए असली हिंदू समाज के जुड़े लोगों को आगे आना चाहिए।”
मुसलमान सपा को वोट ना करें
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके अखिलेश यादव पर सवाल उठाए हैं। जिस अंदाज में ओवैसी ने अखिलेश को तंज कसते हुए लिखा। उसमें साफ संदेश दिया गया कि बीजेपी की सरकार मुसलमानों को हिंसा और नाइंसाफी का निशाना बना रही है। ओवैसी ने अखिलेश पर तंज करते हुए लिखा कि उन्हें सांड़ समाचार से फुरसत मिल नहीं रही। ओवैसी ने यह भी कहा कि गलती भैया कि नहीं, गलती तो उन बिचौलियों की है, जिन्होंने डरे हुए मुसलमानों को गुमराह किया है।
ओवैसी ने मुसलमानों को साफ संदेश दिया कि उनका वोट समाजवादी पार्टी को किया जाएगा तो वह गुमराह कहलाएंगे। फिलहाल ओवैसी ने यह भी लिखा ‘एक आजाद सियासी आवाज के सिवा हमारा कोई और विकल्प नहीं है।’ मुसलमान एक तरफा रिकॉर्ड तोड़ सपा को वोट ना करें। फिलहाल राजनीतिक जानकार यह भी कहते हैं कि ओवैसी ने जिस अंदाज में मुसलमानों को गुमराह ना होने की सलाह दी है, उससे तो साफ है वह वोट में बिखराव कर समाजवादी पार्टी का खेल बिगाड़ना चाहते हैं।
इन सीटों को प्रभावित करते है मुस्लिम
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार देश में मुस्लिमों की आबादी 16.51 फीसदी है, तो यूपी में करीब 20 फीसदी मुसलमान यानि 3.84 करोड़ हैं। देश असम, जम्मू-कश्मीर, बंगाल और केरल के बाद यूपी का पांचवां नंबर है, जहां मुसलमान आबादी सबसे ज्यादा है। असम में 34 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 68 फीसदी, केरल में 26.6 फीसदी, बंगाल में 27 फीसदी, यूपी में 20 फीसदी है। यूपी में 80 लोकसभा सीट और 403 विधानसभा की सीट हैं। इनमें से लगभग एक तिहाई यानी 143 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर प्रभावशाली हैं।
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