ग़ज़ल: मैं किसी से कभी मांगता कुछ नहीं…

193
ग़ज़ल: ~राम नरेश 'उज्ज्वल'

मैं किसी से कभी मांगता कुछ नहीं ।
अब तुम्हारे सिवा चाहता कुछ नहीं।।

इस हकीकत से वाकिफ हुआ हूं अभी
जिंदगी से किसी को मिला कुछ नहीं ।

शरीफों की बस्ती में आ के बसा
पर शराफत से घर में बचा कुछ नहीं।

सुर्खियों में रहा उम्र भर मैं मगर
अपने लोगों को भी दे सका कुछ नहीं ।

उसकी बाहों में जा के सुकूं मिल गया
मौत से खूबसूरत दिखा कुछ नहीं ।

विष का प्याला पिया सिर्फ विश्वास पर
बच गया किस तरह मैं पता कुछ नहीं।

ये करिश्मा नहीं और क्या है भला
आग घर में लगी पर जला कुछ नहीं ।

____ ~राम नरेश ‘उज्ज्वल’

इसे भी पढ़ें..

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here