वाह रे लखीमपुर खीरी पुलिस चार साल के बच्चे को बलवा और मारपीट के मामले में पाबंद कर दिया

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Constable recruitment exam, inspector lodged report of paper leak, main accused still absconding
परीक्षार्थी को सवालों के जवाब व्हाट्सएप पर भेजने वाले आरोपी नीरज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ सकी है।

लखीमपुर खीरी। योगी सरकार खाकी को जितना चमकाने का प्रयास कर रही है, उतना ही खाकी अंदर छिपे लापरवाह पुलिस वाले उसे बदनाम करने की ठान लिए है। हर दिन कुछ ऐसा करते हैं, जिससे ​सरकार और अफसरों का सिर शर्म से झुंक जाए। कभी चांदी लूटना तो कभी लोगों को पीट— पीटकर मार डालना तो इनके पेशे में शुमार हो गया है। अब लखीमपुर खीरी पुलिस ने ऐसा कारनामा किया है, जिसे पढ़कर अफसरों के भी पसीने छूट जाए। यहां पुलिस ने चार साल के बच्चे और सात साल की बच्ची को बलवा और मारपीट की धाराओं में पाबंद कर दिया है।

एसपी से शिकायत

थाना खीरी में पिछले दिनों बकरी चराने को लेकर दो पक्षों के बीच 10 दिन पहले हुए मारपीट मामले में चार साल के बच्चे, उसकी सात साल के बहन और 10 साल के भाई के खिलाफ बलवा समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसकी जानकारी जब परिवार वालों को हुई तो उनके होश उड़ गए। मंगलवार को पीड़ित परिवार बच्चों को लेकर एसपी के सामने पेश हुआ और कार्रवाई की मांग की है। एसपी ने पूरे मामले की जांच के आदेश सीओ सिटी को दिए हैं।

गांव सोंठपुर का मामला

गांव सोंठपुर निवासी कृष्ण पाल मंगलवार को पत्नी और बच्चों को लेकर एसपी दफ्तर पहुंचे, एसपी से मिलकर बताया कि बकरी चराने को लेकर उसके परिवार का गांव के ही शिवराम, सुरेंद्र नारेंद्र आदि से विवाद हो गया था। इससे नाराज आरोपियों ने 18 जून की शाम सात बजे अपने परिवार की महिलाओं समेत घर में घुसकर गाली-गलौज व मारपीट की थी। घर में रखा सामान भी तोड़फोड़ दिया था। हमलावरों ने कृष्ण पाल के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे अधमरा जानकर हमलावर मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग निकले थे। उसने घटना की तहरीर पुलिस को दी थी, जिस पर पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराया था और 20 जून को आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 336, 452, 323, 504, 506, 427 के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी।

राजनीति सरंक्षण का फायदा उठा

आरोपियों ने राजनीतिक दबाव बनाकर और पुलिस से सांठगांठ कर बलवा, घर में घुसकर मारपीट करने आदि धाराओं में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पेशबंदी में फर्जी ढंग से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में उसकी 12 वर्षीय पुत्री, और चार वर्षीय पुत्र को भी आरोपी बना दिया गया। इसकी जानकारी जब परिवार वालों को हुई तो मानों उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। पीड़ित ने एसपी से विपक्षियों की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट को निरस्त कराने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच सीओ सिटी को सौंपी है।

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