लखनऊ। मुख्तार अंसारी के गैंग के शूटर जीवा की हत्या में पुलिस पूछताछ में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। हत्यारोपी विजय यादव ने बताया कि उसे जीवा को मारने के लिए नेपाल के बड़े माफिया ने बीस लाख की सुपारी दी थी। जीवा ने उसके भाई की लखनऊ जेल में बेइज्जती की थी। विजय की इस कहानी में माफिया अतीक का नाम भी आया है। उसने अशरफ को माफिया अतीक का दोस्त बताया है।
हत्यारोपी विजय ने बताया कि जीवा की हत्या की डील नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई थी। वहां उसकी मुलाकात अशरफ नाम के व्यक्ति से हुई। वह नेपाल का माफिया है। उसने ही जीवा की फोटो दिखाकर उसकी हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
पैसों के लालच में की हत्या
अशरफ ने जीवा की हत्या क्यों करवाई। उसकी क्या दुश्मनी थी? इस सवाल पर विजय ने पुलिस को बताया कि अशरफ का भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। वहां कुछ दिन पहले जीवा और अतीफ में विवाद हो गया था। जीवा ने उसकी दाढ़ी नोंच ली थी। कई बार बेइज्जत की। यह बात अशरफ को पता चली थी। इसके बाद उसने जीवा की हत्या का प्लान बनाया।विजय ने यह भी बताया कि लखनऊ पहुंचने पर पांच हजार रुपए और पिस्टल दी गई। बाकी, पैसा काम होने के बाद देने को कहा गया था। बड़ी रकम मिलने के लालच में ही उसने जीवा की हत्या की सुपारी ले ली थी।
विजय के दांवों को पुष्टि कर रही पुलिस
पुलिस को विजय यादव के इस बयान पर पूरा भरोसा नहीं हो रहा है। पुलिस को लग रहा है कि जांच भटकाने के लिए वह ऐसा कह रहा है। हालांकि, पुलिस ने अशरफ और उसके भाई की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। अशरफ-अतीफ नाम के शख्स हैं या नहीं। अगर हैं तो क्या उनका जीवा से कोई कनेक्शन था। विजय कब नेपाल गया था। उसका अशरफ से क्या कनेक्शन है। पुलिस पुरी पुष्टि के बाद ही आगे की कार्रवाई करना चाहती है।
कोर्ट में बाथरूम नहीं था
जीवा की सुरक्षा में तैनात दरोगा उदय प्रताप सिंह ने इस हत्याकांड की एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने तहरीर में लिखा कि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को जिला कारागार लखनऊ से 7 जून को करीब 11.30 बजे कोर्ट लाया था। केस की गवाही चल रही थी कि करीब 3.15 बजे जीवा ने बाथरूम जाने की बात कही।कोर्ट में बाथरूम की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उसको बाहर बने बाथरूम में ले जाया गया था। वहां से उसे वापस कोर्ट लाया जा रहा था। कोर्ट रूम के गेट के पास ही एक व्यक्ति, जो कि वकील के कपड़ों में था। उसने अचानक रिवाल्वर निकालकर जीवा पर पीछे से फायरिंग करनी शुरू कर दी।जीवा घायल होकर गिर गया। हर तरफ भगदड़ मच गई। गोली मारने वाले व्यक्ति को हम लोगों ने मौके पर दबोच लिया। उ
विजय के सहयोगियों की तलाश
शूटर विजय ने पुलिस को बताया है कि उसको शहर में किसी व्यक्ति ने पनाह दी थी। उसने ही उसको कोर्ट तक छोड़ने से पहले वकील की ड्रेस मुहैया कराई थी। उसे वह नहीं पहचानता है। इसके बाद, पुलिस कोर्ट से लेकर कैसरबाग बस अड्डे तक लगे CCTV खंगालती रही है। सूत्रों के मुताबिक, विजय सिर्फ कैसरबाग बस अड्डे से डीएम ऑफिस के बीच एक कैमरे की फुटेज में दिखा है।इससे साफ है कि वह बस अड्डे की तरफ से कोर्ट आया था।
सीसीटीवी में विजय के पीछे एक काले कोट में युवक भी दिखा है। लेकिन वह उसका साथी था कि नहीं, अभी इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस ने गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच विजय को गोसाईगंज स्थित जेल में दाखिल कर दिया। कोर्ट ने विजय यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद SIT टीम ने उसके बयान लिए। फिर डॉक्टरों की सलाह लेने के बाद जेल शिफ्ट कर दिया।
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