उन्नाव। यूपी के उन्नाव जिले में हुए राजमिस्त्री राजेश प्रजापति की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजेश की हत्या अवैध संबंधों के शक में हुई थी। राजेश की हत्या उसी के साथी मजदूर ने अपनी पत्नी और दोस्त के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। हत्या में प्रयोग हुए डंडे को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
फोन करके बुलाया
हत्यारोपी मजदूर को शक था कि राजेश के उसकी पत्नी से संबंध हैं। कोतवाली क्षेत्र के रामपुर अखौली गांव निवासी राजेश प्रजापति (47) राजमिस्त्री था। बुधवार सुबह गांव से करीब छह किलोमीटर दूर भिटवा गांव के जंगल में उसका रक्त रंजित शव पड़ा मिला था। मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई गई। इसमें पता चला कि मृतक की भिटवा गांव निवासी महिला शिववती से बात होती थी। उसी आधार पर पुलिस ने शिववती के माेबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई। पता चला कि महिला के दोस्त सुरेंद्र और राजेश में फोन पर 3.45 घंटा बात हुई। पुलिस ने गुरुवार रात को ही तीनों को उठाकर पूछताछ शुरू की।
सीडीआर से खुला राज
हत्यारोपी ने बताया कि राजेश जब भी शिववती से मिलने आता था तो उसे अच्छा नहीं लगता था, शिववती की सुरेंद्र से भी नजदीकियां थीं। शिववती के पति गंगाराम को राजेश और पत्नी की नजदीकियों की जानकारी थी। सुरेंद्र ने गंगाराम को अपने झांसे में लिया और हत्या की साजिश रच डाली। बुधवार को राजेश प्रजापति घर से भिटवा के जंगल के पास पहुंचा तो पहले से घात लगाए बैठे सुरेंद्र ने उसके सिर पर पीछे से डंडे से वार कर दिया। इससे वह अचेत होकर गिर गया। फिर शिववती और उसके पति गंगराम के साथ मिलकर उसे बेहोशी की हालत में जंगल में खींच ले गए।
आरोपियों ने राजेश के सिर पर ताबड़तोड़ वार करने के साथ चाकू से हमला किया। इससे उसकी बायीं आंख बाहर निकल आई थी। सीओ दीपक सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों ने इन्हीं आरोपियों पर शक जताते हुए रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। उसी आधार पर जांच शुरू हुई और घटना का खुलासा हो गया।
हत्यारों ने डंडों से पीटा
राजमिस्त्री घर से काम पर जाने की बात कहकर निकला था। गुरुवार सुबह उसका गांव से छह किमी दूर जंगल में मिला। खून से सना एक डंडा भी घटनास्थल पर मिला है। मृतक के चेहरे पर और गर्दन पर धारदार हथियार से हमले के निशान हैं। हत्यारे ने बायीं आंख भी निकाल दी।परिवार का था सहारा, बच्चे काम में बटाने लगे थे हाथमृतक राजेश ने खेती के साथ राजमिस्त्री का काम कर परिवार को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था। बच्चों में अविनाश, विशाल, अभिषेक और अमन ने जितना पढ़ा उन्हें पढ़ाया। बच्चों के बड़े होने के बाद परिवार की माली स्थिति सही न होने से वह भी पिता का हाथ बटाने लगे थे
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