शाइस्ता पर कसेगा शिकंजा, गुड्डू मुस्लिम जल्द होगा पुलिस की गिरफ्त में: राजकुमार विश्वकर्मा

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लखनऊ। माफिया अतीक अहमद का खास शूटर गुड्डू मुस्लिम जल्द पुलिस की​ गिरफ्त में होगा, यह दावा किया यूपी के डीजीपी राजकुमार​ विश्वकर्मा ने । उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पुलिस गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी के लिए सभी प्रयास कर रही है और उसे बहुत जल्द सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि माफिया और खूंखार अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की अलग-अलग इकाइयां अभियान चला रही हैं।

वर्ष 2005 में प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के गवाह उमेश पाल व उनके दो सुरक्षाकर्मियों की फरवरी माह में हुई हत्या के सिलसिले में पुलिस कुख्यात “बमबाज” गुड्डू मुस्लिम (48) को तलाश रही है। गुडडू के हाथ आते ही शाइस्ता भी बिल से बाहर आ सकती हैं।

उमेश पाल की हत्या में ​था शामिल

बता दें कि उमेश पाल की हत्या के बाद सामने आए वीडियो में एक व्यक्ति बम फेंकते दिखाई देता है जिसकी पहचान पुलिस ने गुडडू मुस्लिम के रूप में हुई है। इस हत्याकांड के में वांछित गुड्डू मुस्लिम के अलावा अरमान व साबिर पर भी पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है।

मूल रूप से सुलतानपुर जिले का निवासी गुड्डू मुस्लिम अपने पिता के साथ बचपन में प्रयागराज पहुंचा था और बाद में आपराधिक गिरोहों के लिए काम करते-करते वह अपराधी से राजनीतिक नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद का करीबी हो गया। उस पर हत्या, लूट समेत अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं। डीजीपी विश्वकर्मा ने एक न्यूज एजेंसी से साथ बातचीत में उमेश पाल हत्याकांड में फरार गुड्डू मुस्लिम के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ”हमारी पुलिस पूरी ताकत से लगी हुई है और इस दिशा में बहुत जल्द सफलता मिलेगी। हमारी कोशिश होगी कि अदालत से उसे फांसी की सजा मिले।”

बदन सिंह बद्दो पर कसेगा शिकंजा

इसके साथ ही पुलिस ने माफिया बदन सिंह बद्दो पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने और इस तरह का कदम अन्‍य फरार माफिया के सिलसिले में भी उठाए जाने से संबंधित सवाल पर पर डीजीपी ने कहा, ” पुलिस पहले खूंखार और शातिर माफिया, अपराधियों पर पुरस्कार घोषित करती है, ताकि उन सबकी सूचना मिले। इसके साथ ही हमारी खुफिया एजेंसी माफिया और शातिर अपराधियों के परिवार के लोगों, रिश्तेदारों, मददगारों, दो पीढ़ी आगे और दो पीढ़ी पीछे का ब्योरा तैयार कर रही है। हमने माफिया और शातिर अपराधियों की अदालत में जमानत लेने वालों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी की है।”

डीजीपी ने कहा कि जमानतदार इन शर्तों के आधार पर जमानत लेता है कि जब भी पुलिस या अदालत बुलाएगी तो अपराधी हाजिर होगा और वह कोई अपराध नहीं करेगा। इसलिए जो लोग जमानत लेते हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि माफिया, अपराधी को हाजिर कराने में भी जवाबदेह रहें। यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक और शोध उपाधि धारक विश्वकर्मा साइबर अपराध एवं यातायात की समस्या को पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के मामले में सुरक्षा एजेंसियां उतना आगे नहीं बढ़ पाई हैं जितना बढ़ना चाहिए था।

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