जौनपुर। यूपी के जौनपुर की मल्हनी विधानसभा चुनाव से सपा विधायक लकी यादव का पुलिस अधिकारियों से झड़प का फोटो तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल लकी यादव पर आरोप है कि उन्होंने समर्थकों के साथ मिलकर दो जेई और एक ठेकेदार को बंधक बनाने का। यह पूरा वाक्या रविवार देर रात जौनपुर स्थित विधायक के आवास से प्रशासन के अधिकारी व पुलिस ने सभी को मुक्त कराया। इस दौरान विधायक समर्थकों से पुलिस की तीखी झड़प व धक्का-मुक्की भी हुई। देर रात घटी घटना का वीडियो वायरल है।
ओलंदगंज से टीडी कॉलेज रोड पर कुछ माह पहले अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अतिक्रमण हटाने के बाद मौजूदा समय में सड़क किनारे नाली निर्माण का काम चल रहा है। निर्माण कार्य को देखने के लिए रविवार रात पीडब्ल्यूडी के दो जेई और एक ठेकेदार रोड पर घूम रहे थे। रात करीब 10 बजे तीनों सपा विधायक लकी यादव के घर के निचले हिस्से में पार्किंग में घुस गए। विधायक ने सीसीटीवी में देखा तो अपने समर्थकों से उनको अंदर बुलवाया। आरोप है कि जब तीनों अंदर गए तो विधायक ने बैठा लिया। सूचना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
जेई और ठेकेदार को बनाय बंधक
सपा विधायक द्वारा जेई और ठेकेदार को बंधक बनाने की सूचना पर सिटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ विधायक के आवास पर पहुंच गए। तीनों को छोड़ने की बात कही तो विधायक लकी यादव ने इंकार कर दिया। ऐसे में पुलिस समर्थकों के बीच से उनको वहां से ले गई।
इस दौरान जमकर धक्कामुक्की हुई। पुलिस के अनुसार, विधायक द्वारा दो जेई और ठेकेदार को बंधक बनाया गया था। जब पुलिस ने उनसे छोड़ने के लिए कहा तो वह नहीं माने। बाद में विधायक के समर्थक झड़प भी करने लगे।
विधायक पर पुलिस से दुर्व्यवहार करने का आरोप है। इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह ने बताया कि विधायक आवास पर दो जेई व एक ठेकेदार को बंधक बनाया गया था। बलपूर्वक प्रयोग करके उन्हें किसी तरह बाहर निकाला गया। उच्चाधिकारियों के आदेश पर ही मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
विधायक ने पुलिस पर लगाया आरोप
विधायक लकी यादव ने कहा कि मैं अपने घर में था। रात में चार लोग घर के अंदर घुस रहे थे। उसी समय मैंने अपने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि पता करें कि वह कौन लोग हैं। जब वे लोग पता करने गए तो उसमें से एक व्यक्ति फरार हो गया, तीन को दौड़ाकर पकड़ा गया। पकड़ने के बाद मैने खुद रात 11.05 बजे एसपी जौनपुर को घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद भी पुलिस नहीं आई तो मैंने सीओ सिटी को फोन किया। उन्होंने थोड़ी ही देर में पुलिस के पहुंचने की बात कही।
जब पुलिस घर पहुंची तो एक व्यक्ति ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपशब्द कहा। इसके बाद पुलिस ने भी मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। मेरा कॉलर पकड़कर खींचा। वायरल वीडियो में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। बंधक बनाने के आरोप गलत हैं। यदि मैं किसी को बंधक बनाता तो खुद एसपी को फोन क्यों करता। इस मामले को मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बताऊंगा और विधानसभा में भी उठाऊंगा।
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