देवरिया। उत्तराखंड से देवरिया कार से लौटते समय हादसे का शिकार हुए एक ही परिवार के छह लोगों की मौत से उनके पैतृक गांव में गम का माहौल है। रविवार को जब वृद्ध पिता एक साथ चार चिताओं को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर किसी की आंखों से आंसू आ गया। सब लोग वृद्ध पारस शाह की किस्मत पर हाय कर रहे थे, कि एक भगवान ने उन्हें क्या दिन दिखाए जो एक साथ छह लोगों का आज उन्हें अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।
देवरिया जिले के श्रीरामपुर थाना क्षेत्र के बंकुल गांव के झरही नदी के तट पर एक ही परिवार के चार लोगों की चिताएं सजीं और दो मासूमों के शव को नदी के किनारे दफनाया गया। अंतिम संस्कार में आसपास के कई गांवों के लोग भी शामिल हुए।
एक साथ हुई थी 6 की मौत
बता दें कि शुक्रवार रात को बलरामपुर चीनी मिली के सामने बंकुल गांव निवासी सोनू शाह 32 वर्ष, पत्नी सुजावती देवी, बेटा दिव्यांशु 4 वर्ष, बेटी रूचिका 7 वर्ष, बहन खुशी 13 वर्ष, भाई रवि शाह 18 वर्ष कार से उत्तराखंड के लालकुआं से आ रहे थे। रात में करीब श्रीदतगंज थाना क्षेत्र के गालिबपुर के पास कार किसी वाहन से टकरा गई, जिससे कार में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई।
शनिवार की आधी रात के बाद जब झरही नदी के तट पर सभी की चिता अगल-बगल सजीं। पिता पारस शाह ने जब चार चिताओं को बारी-बारी से मुखाग्नि दी तो मौजूद लोग रो पड़े, वहीं रुचिका और दिव्यांशु के शव को नदी के किनारे ही दफनाया गया। रविवार की सुबह गांव में सन्नाटा पसरा रहा। आने-जाने वाले लोगों का तांता लगा रहा। वहीं सलेमपुर के सांसद रविंद्र कुशवाहा, भाटपाररानी एसडीएम संजीव उपाध्याय, सीओ विनय यादव ने परिवार को ढांढस बंधाया।
आंखों से नहीं रूक रहे थे आंसू
जब एक साथ चार चिताएं जलीं तो आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों की आंखें भी नम हो गईं। वे भी रो पड़े जिनसे मरने वालों का न कोई रिश्ता, न कोई ताल्लुक। आंधी रात के बाद जब चिताएं जल रही थीं तो वहां मौजूद लोग उस समय को कोस रहे थे जब पूरा परिवार एक साथ कार से अपने गांव आने के लिए निकला था। सबकी जुबान पर यही चर्चा थी कि परिवार अगर एक साथ कार से न आता तो इतना बड़ा हादसा न होता।
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