डर गया माफिया: पेशी पर जाने से बचने के लिए जेल में अशरफ ने रचा बीमारी का ड्रामा

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After Assad's encounter, the beats of the mafia operatives increased, the search for Saddam intensifies

लखनऊ/ बरेली। यूपी के बरेली जेल में बंद अशरफ को पेशी पर ले जाने के लिए प्रयागराज पुलिस आज बरेली जेल पहुंची ​थी, लेकिन इस ​बीच उस हार्टअटैक आने का ड्रामा किया ता​कि पुलिस उसे यहां से न ले जा सके। दरअसल अशरफ अहमद को अब एंकाउंटर का डर सता रहा है। पिछले दिनों पेशी न जाने के जेल से ही पेशी के लिए कोर्ट से मांग की थी। इसके सा​थ ही प्लान बी के तहत अपनी पत्नी और बहनों को बुला लिया था जो पुलिस की गाड़ी के साथ— साथ चलती ताकि कोई एंकाउंटर न होने पाए। बरेली के एंटी करप्शन कोर्ट में अशरफ को पेश होना था। अशरफ को कोर्ट ले जाने के लिए आई पुलिस वापस लौट गई, आज अशरफ को कोर्ट में पेश नहीं किया जाएगा।

माफिया और उसके बेटे पर कसा शिंकजा

वहीं दूसरी तरफ माफिया अतीक अहमद और उसके बड़े बेटे पर लखनऊ के कारोबारी मोहित जायसवाल का देवरिया जेल ले जाकर अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में माफ़िया अतीक और उसके बेटे उमर पर आरोप तय हो गए हैं। उमर पर संगीन धाराओं में आरोप तय किए गए हैं। इस पर अभी अतीक और उसके बेटे की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अतीक की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक के बेटे ने कहा कि उनके घर की महिलाओं को फंसाया जा रहा है।

2018 में दर्ज हुआ था मामला

बता दें कि 28 दिसंबर 2018 को कारोबारी मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने गुर्गों के जरिये गोमती नगर स्थित ऑफिस से उसका अपहरण करवाया था। इसके बाद अतीक ने जेल में उसके साथ मारपीट की और सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा था। इनकार पर अतीक, उसके बेटे उमर और गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान ने तमंचे-रॉड और पट्टे से उसे पीटा था। इसके बाद जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर बनवाकर 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली थी।

अतीक पर दर्ज हो चुके हैं 101 मुकदमे

अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया। उस पर एक बार तो एनएसए भी लग चुका है।

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