लखनऊ। पुस्तकें अपने कालखण्ड के चरित्रों को उजागर करती हैं। यह पुस्तक मेला नहीं एक परम्परा है। पुस्तकों से हम और हमारी पीढ़ियां वेद काल से प्रेरणा लेते आ रहे हैं। रवीन्द्रालय चारबाग लान में आज से जी-20 की थीम प्रारम्भ लखनऊ पुस्तक मेले इस बार कई मामलों में विशिष्ट होगा। दरअसल ये बातें आज उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक ने मेले का उद्घाटन करते हुए कहीं। उद्घाटन समारोह में उन्होंने त्रेता और द्वापर युग में रचे गये रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों की चर्चा करते हुए कहा कि उन युगों की तरह आज की घटनाएं भी पुस्तकों में सिमट रही हैं और हमारे लिए सबक बन रही हैं।
वेद पर हुई चर्चा
इसके साथ ही उन्होंने एक समर्पित राजनीतिज्ञ के कठिन जीवन और दिनचर्या की चर्चा भी अपने अनुभव के आधार पर श्रोताओं के सामने की। इससे पहले एडवोकेट रामजी दास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचीनतम पुस्तक वेद की चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञानार्जन की भूख और जिज्ञासा ही पुस्तकों को महत्वपूर्ण बनाती है। प्रतीक के संचालन में चले समारोह में मेले के संरक्षक टीपी हवेलिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पुस्तक मेलों की परंपरा और रूपरेखा को रखा और कहा कि आर्थिक पहलुओं से अलग इस मेले का उद्देश्य किताबों और पठन पाठन को लेकर जागरूकता पैदा करना है।
पुस्तकों पर 30 प्रतिशत तक की है छूट
वहीं संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने आयोजन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। अंत में मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने भी विचार रखे। बताया गया कि प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी रहने वाले और एकदम फ्री इण्ट्री वाले इस इस पुस्तक मेले में जहां किताबों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत तक छूट हर खरीदार को मिलेगी, वहीं मेले में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के स्टाल पर 15 परसेंट, सुभाष बुक स्टोर के स्टाल पर हिंदी किताबों पर 20 परसेंट, यज्ञ के स्टाल पर 25 और रामपुर रजा लाइब्रेरी के स्टाल पर 30 प्रतिशत तक छूट मिल रही है।
इन प्रकाशकों के मौजूद हैं स्टाल
बताया गया कि यहां 10 हज़ार स्क्वायर फिट वाटर प्रूफ पंडाल में ओशो तपोवन नेपाल के साथ ही नेशनल बुक ट्रस्ट, एमटीजी लर्निंग, बोधरस प्रकाशन, पदम बुक्स, रितेश बुक, मुक्ता बुक, बीएफसी पब्लिकेशन्स, दि जूनियर एज, रामकृष्ण मठ, योगदा सोसायटी, अमर चित्र कथा, प्रकाशन विभाग, सस्ता साहित्य मण्डल, हिन्दी वांग्मय निधि, आर्यन बुक सेलर, ई-लोकल बुक शॉप, वैष्णवी बुक्स आदि के स्टाल हैं। लगभग 5 हज़ार वर्गफीट के सांस्कृतिक पाण्डाल में लेखक से मिलिए, पुस्तक विमोचन, युवा कार्यक्रम, कवि सम्मेलन मुशायरा सांस्कृतिक आयोजन होंगे।
बुक लवर्स लाउंज भी किया गया तैयार
मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में कवि सम्मेलन-मुशायरे का आनन्द लेने के साथ लोगों को लेखकों-कवियों के साथ बात करने के मौके मिलेंगे ही, वहीं स्थानीय लेखकों की पुस्तकों के लिए स्टाल सजाने के साथ ही पुस्तक प्रेमियों के लिए बुक लवर्स लाउंज भी तैयार किया गया है। साथ ही मेले में पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गयी है। आज शाम संकल्प फाउंडेशन के कलाकारों ने शशि सिंह के संयोजन में विविधता भरा म्यूजिक फिर पीस कार्यक्रम पेश किया।
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