औड़िहार। यूपी के गाजीपुर जिले में एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक किशोरी से पांच लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों पुलिस से बचने के लिए लड़की को जिंदा ही मरने के लिए गंगा नदी में फेंक दिया, नदी में जब वह बह रही थी तो उस पर मछुआरों की नजर पड़ गई और उसकी जान बच गई।
पुलिस ने दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज करके मंगलवार को माहपुर तिराहे से पांच आरोपियों को पकड़ा है। चार आरोपी किशोर हैं। बालिग आरोपी नंदरौल बौरवा निवासी शैलेश कुमार को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। किशोर आरोपियों को न्यायालय किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया है।
दिनभर गाड़ी में घुमाया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मामला पांच मार्च का है। साजिश के तहत एक किशोर ने किशोरी को अपने जाल में फंसाया और मोबाइल फोन खरीदने के लिए 20 हजार रुपये की लालच में उसे अपने दोस्तों के हवाले कर लिया। दोस्त किशोरी को वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के एक खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपी किशोरी को लेकर वाराणसी गए। दिनभर गाड़ी में बैठाकर उसे घुमाया, लेकिन पकड़े जाने के डर घर छोड़ने की हिम्मत नहीं कर सके। पकड़े जाने के डर से ही किशोरी को वाराणसी के विश्वसुंदरी पुल से गंगा नदी में फेंक दिया। नदी में मछली पकड़ रहे कुछ मछुआरों ने किशोरी को बचाया और मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने किशोरी को बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया।
होश आने के बाद दी जानकारी
किशोरी को छह मार्च को होश आया था, फिर परिजन उसे लेकर घर चले गए। किशोरी सदमे में थी। लिहाजा, परिजन कानूनी कार्रवाई नहीं कर सके। 12 मार्च को किशोरी ने पूरी घटना की जानकारी दी, फिर परिजनों ने सैदपुर कोतवाली की पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया।
पूछताछ में सामूहिक दुष्कर्म के पीछे की जो कहानी सामने आई, वो हैरान करने वाली है। एक आरोपी किशोर ने स्वीकार किया कि उसने किशोरी से दोस्ती की, फिर वाराणसी घुमाने के बहाने उसे साथ ले गए। इस बीच नया फोन खरीदने के लिए 20 हजार रुपये की लालच में उसे अपने अन्य दोस्तों को सौंप दिया।
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