लखनऊ। वैसे तो कहा जाता है कि होली का त्योहार आपसी प्यार और सौहार्द का त्योहार होता है,लोग सारे गिले शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। लेकिन कुछ लोग इस त्योहार को दुश्मनी निकालने का अवसर इसमें खोज लेते है। बात करे अपने प्रदेश की राजधानी की तो होली के त्योहर पर नशे में जमकर लात घुसे चले। इस मारपीट में चार सौ से ज्यादा लोग घायल होकर पहुंचे, बीस अधिक लोगों की जान गई। हालांकि कुछ लोगों की मौत हादसे की वजह से हुए, लेकिन यह हादसे नशे की वजहसे ही हुए है।
स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ो के अनुसार अस्पताल पहुंचने वालों में सड़क हादसों में घायल हुए लोगों के अलावा रंगों से त्वचा व नेत्र रोग की शिकायत वाले मरीज शामिल रहे। नौ मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में होली के दिन 287 मरीज इलाज के लिए आए। इनमें से सात मृत अवस्था में थे, जबकि सात गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान चली गई। इसमें चार लोगों की गोली लगने से जान गई। होली के हुड़दंग में सड़क हादसे में घायल होकर 98 लोग आए थे। इसमें कई अभी भी भर्ती हैं।
बलरामपुर में 295 मरीज आए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बलरामपुर अस्पताल में बुधवार को 24 घंटे में 295 मरीज इमरजेंसी में पहुंचे। इनमें से 55 को भर्ती किया गया, जबकि 65 को टांके लगाकर व ड्रेसिंग कर घर भेज दिया गया। तीन मरीजों में रंग खेलने के दौरान आंखों में एलर्जी हो गई, वहीं 17 लोग शराब के नशे में गाड़ी चलाते समय घायल होकर अस्पताल पहुंचे।इसी प्रकार सिविल अस्पताल में बुधवार को 24 घंटे में 570 मरीज अस्पताल पहुंचे। इनमें से 27 को भर्ती किया गया है। होली के हुड़दंग में करीब 109 केस रहे। इनमें गंभीर हेड इंजरी के छह मरीजों को ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
लोकबंधु में पहुंचे 102 मरीज
लोकबंधु अस्पताल में 24 घंटे में कुल 102 मरीज अस्पताल पहुंचे थे। इनमें से दो मृत अवस्था में लाए गए थे। तीन गंभीर रूप से जख्मी मरीजों को भर्ती किया गया। बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। अस्पताल पहुंचने वालों में 91 पुरुष, 10 महिला व एक बच्चा रहा। इसी क्रम में लोहिया संस्थान में 70 लोग अस्पताल पहुंचे। इसमें सड़क हादसे के 30 मरीज रहे, जबकि 12 मरीज नेत्र रोग व 15 मरीज त्वचा रोग से पीड़ित रहे नौ मरीजों को भर्ती किया गया। तीन मरीज मृत अवस्था में लाए गए, जबकि एक मरीज की इलाज दौरान मौत हो गई।
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