चित्रकूट। माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को जेल में मौत कराने वाले जेल अधीक्षक-डिप्टी जेलर समेत आठ पर सरकार की गाज गिरी गई, सरकार ने सभी को निलंबित कर दिया हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल में बंद अब्बास अंसारी को जेल से भगाने की साजिश रचने में उसकी पत्नी निखत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। निखत शुक्रवार को बंदी मुलाकाती रजिस्टर में नाम दर्ज कराए बिना पति से मिलने जेल पहुंची थी। मामले में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर समेत 8 जेलकर्मियों पर कार्रवाई की गई।
इसके साथ ही विधायक की पत्नी निखत व उसके वाहन चालक के अलावा जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर, सिपाही जगमोहन समेत कई अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मनी लॉन्ड्रिंग में अब्बास जिला जेल रगौली में लगभग ढाई माह से बंद है। मुखबिर की सूचना पर शनिवार को डीएम अभिषेक आनंद व एसपी वृंदा शुक्ला प्राइवेट वाहन से जिला जेल पहुंचीं। दोनों सीधे अब्बास की बैरक में पहुंचे। लेकिन वह नहीं मिला। वहां से कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं।
निखत ने पुलिस को धमकाया
डीएम व एसपी मुलाकाती कक्ष में पहुंचे तो वहां भी कोई नहीं था। परिसर में ही डिप्टी जेलर के कमरे के बाहर ताला लगा था, जबकि निखत अंदर बैठी थी। डीएम व एसपी ने बताया कि एक मिनट पहले ही अब्बास वहां से निकलकर अपनी बैरक में चला गया था। बिना रजिस्टर में एंट्री व सूचना के निखत विधायक से मिलने आई थी। महिला पुलिस ने जब निखत को गिरफ्तार किया तो उसने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उसके पास से दो मोबाइल, सऊदी अरब की कुछ मुद्राएं, 21 हजार रुपये व सोने के जेवर बरामद हुए हैं।
इनके खिलाफ एफआईआर
जेल के बाहर गाड़ी लिए खड़े निखत के वाहन चालक नियाज को भी पकड़ लिया गया है। अब्बास, निखत, नियाज, जेल अधीक्षक अशोक सागर, डिप्टी जेलर सुशील कुमार, कांस्टेबल जगमोहन व कुछ अज्ञात ड्यूटीरत सिपाहियों के खिलाफ विधायक को जेल से भगाने की साजिश रचने, हत्या व रंगदारी वसूलने की धमकी, नियमों की अनदेखी कर मुलाकात करने-करानेे, जेल में आपत्तिजनक सामग्री रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। मेडिकल के बाद शाम को निखत व नियाज को जेल भेजा गया।
सबसे सुरक्षित जेल मानती है सरकार
चित्रकूट जिला जेल रगौली को प्रदेश सरकार सबसे सुरक्षित मानकर बाहुबली और माफिया को यहां भेजती है, लेकिन इस प्रकरण ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी कई दिनों से पत्नी के साथ घर की तरह रह रहा था। शुक्रवार की शाम को जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी तो डीएम एसपी ने संयुक्त रूप से छापा मारा। प्रशासन का दावा है कि विधायक बैरक में नहीं था। जिस अधिकारी के कमरे में उसकी पत्नी मिली, उसमें भी वह नहीं मिला। बताया जाता है कि छापे की भनक लगते ही कुछ देर पहले ही वह कमरे से सिपाही की मदद से बाहर आ गया था।
जिस कमरे में विधायक की पत्नी थी, उसमें बाहर से ताला लगा था। सूत्रों की मानें तो यह कई दिनों से चल रहा था। शासन ने सुरक्षा की दृष्टि से विधायक अब्बास अंसारी को उसके गृह जनपद मऊ से लगभग 400 किलोमीटर दूर रगौली जेल में रखा है, जिससे जेल में उससे ज्यादा लोग न मिल सकें।
जेल से भगाने की थी साजिश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसी निखत अपने विधायक पति को जेल से भगाने की फिराक के लिए साजिश रच रही थी। डीएम एसपी ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि निखत बानो जेल के अंदर आकर रिश्तेदारों से विधायक की मोबाइल फोन से बात भी कराती थी। आरोप है कि यहीं से जेल से पति को भगाने और कई लोगों से रंगदारी वसूली की धमकी भी दिलाई जाती थी। विधायक की पत्नी ही एक हफ्ते से जेल में मिलाई करने जाती थी, लेकिन आगंतुक रजिस्टर में उसका नाम दर्ज नहीं है। हैरत की बात यह है कि आए दिन निरीक्षण करने वाले अफसरों को भी इसकी भनक नहीं लगी।
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