लखनऊ, बिजनेस डेस्क। बच्चे देश का भविष्य हैं और आने वाले के नागरिक हैं। बाल दिवस के मौके पर वी की सीएसआर शाखा वी फाउन्डेशन ने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान ‘वीर की कहानियां’ पुस्तक के दूसरे संस्करण का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रतिभाशाली बच्चों को अकादमिक एवं पाठ्येत्तर उपलब्धियों के लिए सम्मानित भी किया गया। यह पुस्तक वी फाउन्डेशन के विभिन्न सोशल इम्पैक्ट प्रोग्रामों से बच्चों के वास्तविक जीवन की कहानियों का संकलन है। इसके अलावा वी फाउन्डेशन ने पुस्तक ‘चलो मेरी स्टोरी पढ़ें’ का भी अनावरण किया है, जो समुदाय की कहानियों का संग्रह है।
‘वीर की कहानियां’
पुस्तक ‘वीर की कहानियां’ एवं ‘चलो मेरी स्टोरी पढ़ें’ का अनावरण उद्यमी, पर्वतारोही एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए ग्लोबल एडवोकेट अनुराग मालू ने किया। साथ ही पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर, वीआईएल एवं डायरेक्टर वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन; और डॉ निलय रंजन, हैड, वोडाफोन आइडिया फाउन्डेशन भी मौजूद रहे। ‘वीर की कहानियां’ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से बच्चों की कहानियों का संकलन है, जिन्होंने संघर्ष करते हुए अपने सपने साकार किए।
बच्चों का मार्गदर्शन
इन कहानियों में बताया गया है कि कैसे वी फाउन्डेशन ने आधुनिक तकनीक के द्वारा बच्चों को उनकी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की साथ ही अध्यापकों को भी नए तरीकों से ज्ञान बांटने में सक्षम बनाया। वर्चुअल आयोजन के दौरान दर्शकों को सम्बोधित करते हुए मुकेश खन्ना, अभिनेता एवं टॉक शो होस्ट ने कहा, ‘‘हमारे देश का भविष्य आज के बच्चों पर निर्भर करता है। इनमें से हर बच्चे के भीतर एक शक्तिमान छिपा है। हमें अपने बच्चों को अपनी प्रतिभा को पहचानने में सशक्त बनाना होगा ताकि वे आने वाले कल में अपने लिए सही फैसले ले सकें तथा देश एवं दुनिया के उज्जवल भविष्य के निर्माण में योगदान दे सकें।’
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में सहायक
वर्चुअल आयोजन के दौरान बात करते हुए पी बालाजी, चीफ़ रेग्युलेटरी एण्ड कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर एवं डायरेक्टर, वी फाउन्डेशन ने कहा, ‘‘वी फाउन्डेशन में हमारा मानना है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी क्षमता का सही उपयोग कर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें। हम हमेशा से शिक्षा को महत्व देते रहे हैं और हमने ऐसे प्रोग्राम विकसित किए हैं, जो तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ला सकें तथा शिक्षा क्षेत्र को नया आयाम दे सकें। जिज्ञासा, गुरूशाला, टीचर्स एण्ड स्टूडेन्ट छात्रवृत्ति एवं टीचर्स रोबोटिक्स जैसी पहलों के द्वारा हम देश भर में 16 लाख से अधिक बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर चुके हैं। अपने प्रयासों के ज़रिए हम बच्चों के जीवन में सुधार लाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए तत्पर हैं।’
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