80 वर्षीय खड़गे के हाथ में देश की सबसे पुरानी पार्टी की कमान, शशि को मिली करारी हार

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In the hands of 80-year-old Kharge, the command of the country's oldest party, Shashi got a crushing defeat
खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद भी कांग्रेस की सारी बागडौर गांधी परिवार के हाथ में होगी।

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी में भले ही आज चुनाव के जरिए नया अध्यक्ष मिला हो, लेकिन इसकी पठकथा बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी। जैसा हाईकमान ने चाहा ठीक वैसे ही दिखावे के लिए चुनाव हुआ और उसे ही विजय मिली​ जिसे गांधी परिवार का आशीर्वाद मिला। परिवर्तन लाने की बात करने वाले शशी थरूण को करारी हार झेलनी पड़ी और 80 वर्षीय खड़गे के हाथ में कांग्रेस का पंजा आ गया। एक तरह से कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद भी कांग्रेस की सारी बागडौर गांधी परिवार के हाथ में होगी।

416 वोट रिजेक्ट

मतगणना केबाद कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोटों से हरा दिया। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके। 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए।नतीजों के तुरंत बाद थरूर ने खड़गे को बधाई दी और अपना साथ देने वालों को धन्यवाद दिया। इसके बाद ही वे खड़गे से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। हालांकि, उनके चीफ इलेक्शन एजेंट सलमान सोज ने वोटिंग में धांधली का आरोप लगाया था। इधर, जीत के बाद खड़गे ने बताया कि वे शाम 4 से मीडिया से बात करेंगे।

चुनाव में अनियमितताओं पर राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया था। बोले- मसले कांग्रेस इलेक्शन कमेटी में मधुसूदन मिस्त्री के सामने रख दिए गए हैं और वो फैसला लेंगे। राहुल ने वोटों की गिनती के बीच ही खड़गे की जीत की बात कह दी थी। जब उनसे पार्टी में रोल के बारे में सवाल किया गया तो कहा- खड़गेजी से पूछिए। अब वही तय करेंगे।

कांग्रेस को मिला दूसरा दलित नेता

मलिकर्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वें नेता बन गए हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।

थरूर खेमे ने लगाया आरोप

काउंटिंग के दौरान थरूर के चीफ इलेक्शन कैंपेनर सलमान सोज ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में वोटिंग से पहले, पोलिंग के दौरान और मतदान के बाद गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। सोज ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में पार्टी के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को बता दिया है।वहीं सूत्रों के मुताबिक जिस तरह शशि थरूर को कई प्रदेशों प्रस्तावक नहीं मिले, उनकी अनदेखी की गई, उससे तय है कि एक बार फिर बगावत के बीज फूटेंगे और पार्टी को काफी ​नुकसान होगा। कांग्रेस हाईकमान भले ही आज अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने चुनाव के जरिए अध्यक्ष चुना हो, लेकिन इस दौरान शशि थरूर गुट ​को मिली एक तरफा हार उसे आसानी से पचने वाली नहीं है। अब साफ संदेश कार्यकर्ता के बीच जाएगा हाईकमान जो चाहेगा वहीं होगा।

राहुल बोले- कांग्रेस अकेली पार्टी, जहां चुनाव होते हैं

भारत जोड़ो यात्रा में आंध्र प्रदेश पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जहां चुनाव होते है, लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष पद चुने जाते है।मैंने कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री के साथ काम किया। वे काफी स्पष्ट वक्ता हैं। सारे मसले उनकी नजर में लाए गए हैं और वही एक्शन लेंगे।

हर कोई कांग्रेस में चुनाव के बारे में पूछता है। मुझे कांग्रेस पर फख्र है, जिसमें ओपन और ट्रांसपेरेंट चुनाव हो रहे हैं। कोई दूसरी पार्टियों के भीतर चुनाव में इंट्रेस्ट क्यों नहीं लेता, चाहे वो भाजपा हो या दूसरी क्षेत्रीय पार्टियां?’कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। इस बार राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से इनकार करने के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फैसला लिया गया था।

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