कानपुर में युवक की मौत के डेढ़ साल बाद घर वालों ने किया अंतिम संस्कार, जानिए क्यों रखे थे शव

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After a year and a half after the death of the youth in Kanpur, the family members performed the last rites, know why the dead bodies were kept
घर पर विमलेश की पत्नी मिताली के अलावा विमलेश के भाइयों सुनीलए दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।

कानपुर। यूपी के महानगर कानपुर से एक हैरान करने वाली खबर ने सबकों हिलाकर रख दिया। कैसे एक परिवार ने एक युवक की मौत के बाद डेढ़ साल तक उसके शव को घर में ही रखा, और इसकी भनक किसी पड़ोसी तक को नहीं हुई। डेढ़ साल में युवक की मांस और हड्डियां सब चिपक गई, लेकिन परिवार वाले उसके कोमा से लौटने की उम्मीद में उसकी सेवा करते रहे, जबकि डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित करते हुए डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था।शुक्रवार शाम को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।

कृष्णापुरी रोशन नगर

यह मामला कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर का हैं। यहां एक परिवार डेढ़ साल से आयकर अधिकारी की लाश के साथ रह रहा था। इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हालांकि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। जिसके चलते पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने देर शाम पुलिस की मौजूदगी में भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया।

मीडिया रिपोटर््स के अनुसार आर्डनेंस फैक्टरी से रिटायर्ड कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में परिवार के साथ रहते हैं। उनके तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा विमलेश 35 अहमदाबाद में इनकम टैक्स में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर एएओ के पद पर था। विमलेश की पत्नी मिताली किदवईनगर स्थित सहकारिता बैंक में कार्यरत हैं। पिता राम औतार ने पुलिस को बताया कि 18 अप्रैल 2021 को विमलेश कोरोना संक्रमित हो गए थे। परिजनों ने उन्हें बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां उपचार के दौरान 22 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई थी।

मां को लगा बेटा जिंदा हैं

अस्पताल प्रबंधन ने कोविड नियमों की अनदेखी करते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ विमलेश के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। घर आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। तभी से माता.पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर देखभाल कर रहे थे। घर पर विमलेश की पत्नी मिताली के अलावा विमलेश के भाइयों सुनीलए दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।

माता-पिता बोले-जिंदा है हमारा बेटा

डेढ़ साल से हमारा बेटा इसी हालत में है। हमने उसके शरीर पर कोई केमिकल नहीं लगाया है। शरीर में कहीं पानी निकलता था तो गंगाजल से साफ कर देते थे। शुरुआत में कुछ महीने बदबू आई पर कुछ महीने बाद बदबू आनी बंद हो गई थी। हमारा बेटा जिंदा है। यह बात विमलेश के पिता राम औतार और मां रामदुलारी ने कही जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची थी।

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