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एचपी कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के लिए 17 राज्यों में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम्स स्थापित करेगी
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इस क्लासरूम्स लर्निंग प्रोग्राम के लिए एनसीईआरटी के दीक्षा कोर्स कॉन्टेंट और पाठ्यक्रम का इस्तेमाल किया जाएगा
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कॉरपोरेट फाउंडेशन/एनजीओ के लिए ALFA प्रोग्राम में आवेदन की अंतिम तारीख 7 अक्टूबर, 2022 है
नई दिल्ली बिजनेस डेस्क। डिजिटल लर्निंग के अवसरों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए एचपी इंडिया ने आज यह घोषणा की है कि वह एचपी अल्फा (ऐक्सेसिबल लर्निंग फॉर ऑल) प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2000 डिजिटल क्लासरूम की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इन डिजिटल क्लासरूम्स को नवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 17 राज्यों के सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में स्थापित किया जाएगा। यह प्रयास नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत् भारत सरकार के लक्ष्यों के अनुरूप ही है।
क्लासरूम में मल्टी-फंक्शन प्रिंटर
एचपी, इस प्रयास में हिस्सा लेने के लिए कॉरपोरेट फाउंडेशन और एनजीओ को आंमत्रित कर रही है और आवेदन करने की अंतिम तारीख 7 अक्टूबर, 2020 है। हर क्लासरूम को टैक्नोलॉजी से लैस बनाने के लिए ज़रूरी पूंजीगत खर्च एचपी खुद उठाएगी। क्लासरूम में मल्टी-फंक्शन प्रिंटर, वेबकैम, शिक्षकों के लिए एक लैपटॉप, स्मार्ट टीवी, एंड्रॉयड बॉक्स और कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेट डोंगल जैसी चीज़ें होंगी।
इस कार्यक्रम को लागू करने की ज़िम्मेदारी एचपी के एनजीओ पार्टनर एनआईआईटी फांउडेशन की होगी, जिसमें उसका सहयोग अन्य कॉरपोरेशन, कॉरपोरेट फाउंडेशन और गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) अपने सीएसआर प्रयासों के अंतर्गत करेंगे। प्रयास को लागू करने वाली एजेंसी के तौर पर एनआईआईटी फाउंडेशन के साथ मिलकर एचपी क्लस्टर कोऑर्डिनेटर्स की तैनाती करेगी, ताकि अलग-अलग क्लस्टर में प्रोजेक्ट के लागू होने और प्रगति पर नज़र रखी जा सके।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना
केतन पटेल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एचपी इंडिया ने कहा, “हमें एचपी अल्फा प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए बहुत खुशी हो रही है और हमें पूरा भरोसा है कि इससे पिछड़े तबकों के लिए डिजिटल समानता का लक्ष्य पाने का रास्ता बनेगा। यह प्रयास दुनिया की सबसे स्थायी और टैक्नोलॉजी कंपनी बनने को एचपी के वैश्विक दृष्टिकोण को सही मायनों में दर्शाता है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से हमारा लक्ष्य युवा छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और कुशलताओँ, ज्ञान और टैक्नोलॉजी संबंधी विशेषज्ञता उपलब्ध कराना है।”
टैक्नोलॉजी आधारित शिक्षा
नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के दीक्षा कोर्स कॉन्टेंट और पाठ्यक्रम का इस्तेमाल क्लासरूम और लर्निंग प्रोग्राम के लिए किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पक्का करेगा कि ये छात्र डिजिटल कॉन्टेंट और ई-लर्निंग के टूल्स का भरपूर उपयोग करें और सीखने की अपनी यात्रा को बेहतर बनाएं। यह प्रोजेक्ट सभी स्कूलों में शिक्षक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा जिससे क्लासरूम में वे टैक्नोलॉजी आधारित शिक्षा को पहुंचा सकें और छात्रों को जोड़ सकें। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अलग-अलग राज्यों के बोर्ड और कॉन्टेंट उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनियों से भी साझेदारी करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, ताकि चुनिंदा जगहों पर स्थानीय भाषाओं में कोर्स मैटेरियल उपलब्ध कराया जा सके।
अकादमिक विषयों के अलावा इस प्रोजेक्ट में भारत सरकार की ओर से मान्यताप्राप्त अन्य कार्यक्रम और ईडीपी (ऑन्त्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम) कोर्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे और ज़रूरत के हिसाब से छात्रों को उपलब्ध कराए
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