आगरा। एमपी और राजस्थान में हो रही लगातार बारिश की वजह से लगभग सभी डैम ओवरफ्लो होने का डर बढ़ गया है। डैम को नुकसान से बचाने के लिएकोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़ा गया, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया हैं। नदी के किनारे के ग्रामीणों को बचाने के लिए बाह और पिनाहट क्षेत्र के 38 गांवों को खाली कराने के लिए मुनादी कराई गई है। कोटा बैराज से सोमवार को 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम छह बजे धौलपुर में बाढ़ आ गई है। यहां जलस्तर खतरे के निशान से छह मीटर अधिक है। मंगलवार सुबह सात बजे तक पानी पिनाहट पहुंच जाएगा। यहां चंबल में बाढ़ आ सकती है। प्रशासन ने रात में अलर्ट जारी करते हुए 38 गांव खाली कराने के लिए मुनादी कराई है।
एसडीएम बाह रतन वर्मा के अनुसार मंगलवार सुबह पिनाहट में चंबल हाई फ्लड लेवल 130 मीटर को पार कर सकती है। जलस्तर 132 तक पहुंच सकता है। इसके बाद भी पानी बढ़ने के आसार हैं। पिनाहट में चेतावनी स्तर 127 मीटर है। पिछले सप्ताह छोड़े गए 7.50 लाख क्यूसेक पानी से 10 गांव का संपर्क टूट गया है। दो दिन ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, लेकिन प्रभावित गांवों के रास्तों में कीचड़ व दलदल है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल तबाह हो गई है।
प्रशासन राहत व बचाव में जुटे
सोमवार को बाढ़ के खतरे को भांपते हुए प्रशासन राहत कार्य में जुट गया है। लगातार गांव-गांव मुनादी कराई जा रही है। ग्रामीणों को ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने को कहा गया है। मंगलवार सुबह से चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ने के आसार हैं।एसडीएम ने बताया कि आठ बाढ़ चौकियां बनाई हैं। हल्का लेखपालों को गांव में ही रुकने के निर्देश हैं। निगरानी के लिए जैतपुर और खेड़ा राठौर थाने के प्रभावित गांव में तहसीलदार सर्वेश कुमार सिंह, बासोनी, पिनाहट थाने के गांवों पर नायब तहसीलदार गौरव अग्रवाल, मंसुखपुरा पिनाहट क्षेत्र में खुद एसडीएम मोर्चा संभाल रहे हैं।
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