महाराष्ट्र। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि मौजूदा दौर में बीजेपी ही सबसे शक्तिशाली पार्टी है। शाह और नड्डा की रणनीति मुंबई की पहचान रहे ठाकरे परिवार को इतिहास बना दिया। जिस तरह से उद्धव ठाकरे मैदान छोड़कर भागे अब उन पर कोई पार्टी विश्वास नहीं करेगी। यहां तक कि कांग्रेस नेता भी उद्धव को भगौड़ा कहने से पीछे नहीं हट रहे है। इस तरह बीजेपी ने महाराष्ट्र में शरद पवार की राजनीति को तो किनारे लगाया ही, उद्धव ठाकरे को भी कही नहीं छोड़ा। साथ ही एकनाथ शिंदे को सीएम बनाकर मराठा राजनीति की स्मिता की सहानुभूति बटोरी। इसका आने वाले समय में गहरा प्रभाव पड़ेगा।
एकाएक बदली पठकथा
गुरुवार को दोपहर तक किसी को उम्मीद नहीं थी कि एक नाथशिंदे मुख्यमंत्री बनने वाले हैं, सबकों यहीं लग रहा था कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के CM बनेंगे, लेकिन शाम 4.35 बजे खुद फडणवीस ने यह कह कर चौंका दिया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे और शाम 7.35 बजे एकनाथ के माथे मुख्यमंत्री का ताज भी सज गया। अब सभी के मन में बस एक ही सवाल है। आखिर BJP ने सिर्फ 49 विधायकों के समर्थन वाले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री क्यों बनाया, इसके पीछे बीजेपी की लंबी प्लानिंग हैं, जिसे वह धीरे—धीरे धरातल पर उताएगी।
शिवसेना को खत्म करना
बीजेपी के महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की पीछे की पहली योजना शिवसेना को खत्म करना। इस तरह की बगावत और उद्धव ठाकरे के बिना लड़े मैदान छोड़ने से अब न कोई उद्धव ठाकरे पर विश्वास करेगा और न ही शिवसेना पर, इसलिए अब बीजेपी अकेले हिन्दुत्व की राजनीति करने के लिए महाराष्ट्र में आजाद है।
शिंदे के सहारे खुद को बचाया
मध्यप्रदेश के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र में विपक्ष को बुरी तरह से धूल चटाई है। मध्यप्रदेश में जहां सिंधिया को आगे करके कमलनाथ सरकार को धराशाही किया वहीं, महाराष्ट्र में शिंदे को आगे करके ठाकरे सरकार को धुल चटाई। महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी ने शिवसेना को भी किनारे लगाया और अपने पर कोई आंच नहीं आने दिया। इस तरह कोई कभी भी बीजेपी आरोप नहीं लगाएगा कि उसने शिवसेना की सरकार गिराने में कोई भूमिका निभाएगा। साथ ही भविष्य में शिंदे के गुट का कोई और न बगावत करें इसकी जिम्मेदारी शिंदे पर डाल दी।
शिवसेना से ठाकरे परिवार को हटाना
बीजेपी ने शिंदे के सहारे शिवसेना से ठाकरे परिवार के वर्चस्व को हटा दिया। अभी तक महाराष्ट्र में शिवसेना में मतलब ठाकरे परिवार था,अब शिवसेना तो रहेगी, लेकिन ठाकरे परिवार की जगह शिंदे का नाम चलेगा। क्योंकि अब एकनाथ शिंदे आसानी से पार्टी पर कब्जा कर लेंगे। इस तरह बीजेपी का वर्षों पुराना वृहद मुंबई पर राज करने का सपना पूरा हो जाएगा।
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