मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति की स्थिति अब धीरे—धीरे साफ होने लगी है। सीएम उद्धव ठाकरे की कोरी धमकी और कानूनी कार्रवाई का डर बागियों का नहीं तोड़ पा रहा है, उल्टे तीन और मंत्रियों ने रविवार को उद्धव का साथ छोड़ दिया। इस बीच मीडिया में खबर आई कि शिवसेना के बागी विधायक राज ठाकरे की पार्टी मनसे को ज्वाइन कर सकते है, इससे उन्हें दो फायदा होगा एक तो उन्हें हिन्दुत्व की राजनीति पर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, दूसरा शिवसेना के उपद्रव से निपटने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही कानूनी लड़ाई में फायदा मिलेगा। उधर, 15 बागी विधायकों ने सदस्यस्ता रद्द करने को लेकर दिए डिप्टी स्पीकर के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में
मनसे होगी मजबूत
अब बन रहे समीकरण से राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण मजबूत होगी, क्योंकि बागी गुट मनसे ज्वाइन कर सकते हैं। कानूनी पहलूओं पर बात करे तो शिंदे के पास दो तिहाई, यानी 37 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होने के बावजूद विधानसभा में अलग पार्टी की मान्यता मिलना आसान नहीं है। अगर बागी गुट राष्ट्रपति चुनाव से पहले मसले का हल चाहता है तो उसके पास सबसे आसान रास्ता खुद का किसी दल में विलय करना है। ऐसे में एक बड़ी संभावना मनसे में शामिल होने की ही है।
शिंदे ने राज ठाकरे से की बात
राष्ट्रपति चुनाव से पहले सबकुछ सटीक तरीके सेटल करने के प्रयास जारी है। इस बीच एकनाथ शिंदे ने भी राज ठाकरे से तीन बार बात की है। हालांकि, मनसे नेता इसे राज ठाकरे की सेहत जानने के लिए किया गया फोन बताया है। बता दें कि कुछ दिन पहले राज ठाकरे की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है।
शिंदे गुट इसलिए कर सकता है मनसे से विलय
राजनीतिक जानकारों की माने तो शिंदे गुट डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल द्वारा अपात्र करार दिए गए अपने 16 विधायकों को बचाने के लिए जल्द से जल्द पहले से मौजूद किसी राजनीतिक दल से विलय करना चाहती है। मनसे का भले ही विधानसभा में एक विधायक है, लेकिन पार्टी लगभग पूरे महाराष्ट्र में स्थापित है। ऐसे में किसी अन्य दल के साथ विलय की जगह शिंदे गुट के लिए मनसे सबसे सटीक पार्टी होगी। दोनों बाला साहब की विचारधारा से प्रभावित हैं और उनकी तरह ही कट्टर हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं।
मनसे के पीछे बीजेपी खड़ी
वहीं काफी दिनों से बीजेपी शिवसेना की काट खोजने में लगी है। इसलिए बीजेपी एक सोची समझी रणनीति के तहत मनसे को मजबूत कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, कई दौर की बातचीत के बाद दोनों दलों के 14 जून को विलय की चर्चा भी शुरू हो गई थी। इस गठबंधन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी हरी झंडी दिखा दी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि शिंदे गुट को मनसे में जोड़ BJP अपने प्लान को सफल कर सकती है।चर्चा यह भी थी कि आगामी महानगर पालिका चुनावों में भाजपा मुंबई और पुणे में मनसे को कुछ सीटें देगी। शेष राज्य में भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
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