मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में मुंबई में उठे राजनीतिक बवंडर में उद्धव सरकार पूरी तरह से घिर गई है। सहयोगी से बागी हुए एकनाथ शिंदे का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र से विधायक लगातार गोवाहाटी पहुंचकर शिंदे को अपना समर्थन दे रहे है। वहीं दूसरी ओर सीएम उद्धव ठाकरे असहाय नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं शिंदे ने अब मैजिक नंबर पूरा होने का भी दावा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके साथ शिवसेना के 37 विधायक मौजूद हैं और कोई दल-बदल कानून नहीं चलेगा। इस बीच शरद पवार ने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि आपके भविष्य के लिए यह सही नहीं है।
आज और बढ़ेगी बागियों की संख्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एकनाथ शिंदे खेमे में शिवसेना विधायकों की संख्या 50 पार कर सकती है, क्योंकि आज और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है।
कांग्रेस और एनसीपी पर लगाया आरोप
असम के गुवाहाटी में मौजूद शिंदे गुट के बागी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि पहले कई बार विधायकों ने उद्धव जी से कहा था कि कांग्रेस हो या NCP, दोनों ही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार विधायकों ने उद्धव से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन वे उनसे कभी नहीं मिले। यदि आप शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक कोई भी अधिकारी विधायक के परामर्श से नियुक्त नहीं किया जाता है। यह बात हमने उद्धव जी को कई बार बताई लेकिन उन्होंने कभी इसका जवाब नहीं दिया।
शरद पवार ने बागियों को चेताया
महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार और संजय राउत लगातार बागी विधायकों को धमकी दे रहे है। पवार ने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सभी बागियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।इस बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में अपनी नियुक्ति की पुन: पुष्टि और पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में भरतशेत गोगावाले की नियुक्ति के संबंध में पत्र लिखा।
अरविंद सांवत ने अयोग्य करने पत्र लिखा
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा है कि हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा) के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
1. एकनाथ शिंदे
2. प्रकाश सुर्वे
3. तानाजी सावंतो
4. महेश शिंदे
5. अब्दुल सत्तारी
6. संदीप भुमरे
7. भरत गोगावाले
8. संजय शिरसातो
9. यामिनी यादव
10. अनिल बाबरी
11. बालाजी देवदास
12. लता चौधरी
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