लखनऊ-बिजनेस डेस्क। पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से महामारी के दौर में, आज के पिताओं की मानसिकता में उल्लेखनीय बदलाव आया है। उन्हें न केवल परिवार के लिए तमाम सुख-सुविधाएं जुटाने वाला माना जाता है, बल्कि वे अपने परिवार की खुशी की रक्षा करते हुए अपने जुनून को भी आगे बढ़ाने में जुटे नजर आते हैं।
सोच में स्वतंत्रता, लेकिन दृष्टिकोण के लिहाज से सामूहिक- यह है आज का पिता, जो अपने परिवार की जरूरतों की देखभाल करते हुए खुद अपनी जरूरतों की तलाश में भी सहज है।इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ाते हुए, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, इस बार फादर्स डे पर पिताओं को अपने जुनून के लिए बड़ी छलांग लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
परिवार का रखते है ख्याल
इसके साथ ही साथ वे अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल भी रखते हैं, इसलिए पिताओं को अपने सपनों को दृढ़ संकल्प और मजबूत विश्वास के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना भी जरूरी है। हाल ही में लॉन्च किए गए डिजिटल वीडियो अभियान -पापा हैं ना में भी यही प्रदर्शित किया गया है, जो कंपनी की वार्षिक डिजिटल संपत्ति -‘पापा की नई कहानी’ का एक हिस्सा है। ब्रांड की फिलॉस्फी ‘अपने लिए, अपनों के लिए’ में रचे-बसे इस कैम्पेन में वर्तमान दौर के ऐसे पिताओं को केंद्र में रखा गया है, जो मजबूती से अपने परिवार के साथ खड़े हैं और साथ ही अपने सपनों के प्रति भी उतने ही उत्साही हैं।
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