अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में हुए एक युवक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने मात्र 12 घंटे में सुलझाकर हत्या की साजिश रचने वाली उसकी पत्नी और पत्नी के प्रेमी को गिरफ्तार करके हत्या का खुलासा कर दिया। दरअसल मृतक 12 साल बाद दुबई से कुछ दिन पहले ही घर लौटा था,लेकिन पत्नी कुछ दिन बाद ही अपने प्रेमी को सुपारी देकर उसकी हत्या करवा दी।पति की हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए आरोपी पत्नी ने झूठी कहानी गढ़ी, लेकिन पुलिस के आगे उसके झूठ की कहानी ज्यादा देर तक नहीं टिकी, पुलिस ने 12 घंटे में ही इस अंधे कत्ल का खुलासा कर दिया। छेहरटा पुलिस ने आरोपी पत्नी, उसके प्रेमी और सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात को रविवार अलसुबह तीन बजे अंजाम दिया गया। पुलिस कमिश्नर अरुणपाल सिंह ने रविवार देर शाम पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गांव काले निवासी हरिंदर सिंह 10-12 साल बाद कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा था। यहां उन्हें पता चला कि पत्नी सतनाम कौर के संबंध गांव के ही अर्शदीप सिंह से हैं। इसके चलते वह उस पर नजर रखने लगे।
हत्या के बाद लूट का दिया रूप
अवैध संबंध का भेद नहीं खुले इसलिए पत्नी सतनाम कौर ने अर्शदीप सिंह के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। इसके लिए गांव के ही वरिंदर सिंह को दो लाख 70 हजार रुपये की सुपारी दी। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रविवार सुबह करीब 3.30 बजे हरिंदर अपनी पत्नी सतनाम कौर और दो बच्चों के साथ बाइक से श्री दरबार साहिब माथा टेकने जा रहे थे। इसी बीच हरकृष्ण नगर के निकट दशमेश गन हाउस के पास मोटरसाइकिल सवार अर्शदीप और वरिंदर सिंह ने गोलियां मारकर हरिंदर की हत्या कर दी। आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद हरिंदर का मोबाइल फोन और पर्स लेकर फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक घटना के बाद मृतक की पत्नी सतनाम कौर ने पुलिस को लूट की झूठी कहानी सुनाई।
पुलिस को बताई लूट की कहानी
पुलिस सूचना मिलने पर अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। इसके बाद पुलिस पड़ताल में जुट गई। पुलिस के शक की सुई सतनाम कौर के इर्दगिर्द आकर ठहर गई। पुलिस ने हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। एडीसीपी-2 प्रभजोत सिंह ने बताया कि सतनाम कौर, अर्शदीप सिंह तथा वरिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल भी बरामद कर ली गई। पिस्तौल अर्शदीप सिंह के मुंबई में रहने वाले चाचा लाल सिंह की है, जिसे उसने चोरी कर लिया था।
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