पटियाला। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता सिद्धू को कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई, लाख चतुराई के बाद भी सिद्धू को कोर्ट में समर्पण करना पड़ा।अब सिद्धू को एक साल तक जेल में बिताना हो गया। रोजाना लाखों कमाने वाले सिद्धू अब जेल में 90 रुपये जेल में कमा सकेंगे। मालूम हो कि जेल जाने वाल किसी भी कैदी को तीन साल शुरूआत के तीन महीने तक वेतन नहीं दिया जाता है, इसका मतलब है कि सिद्धू तीन महीने तक बिना वेतन के काम करेंगे। दरअसल, जेल नियमों के मुताबिक कठोर कारावास की सजा पाने वाले सिद्धू को अकुशल मानते हुए शुरुआत के तीन माह का काम करना प्रशिक्षण के तौर पर माना जाएगा।
सादे कपड़े में गुजारने होंगे एक साल
अभी तक शानदार और रंगीन जीवन जीने वाले सिद्धू के लाइफ स्टाइल में भी बदलाव आ जाएगा। अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले सिद्धू अब एक सजायाफ्ता कैदियों की तरह सफेद कपड़े पहनेंगेे। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू को पढ़े-लिखे होने के कारण जेल की फैक्टरी में काम दिया जा सकता है, जहां बिस्कुट व फर्नीचर का सामान बनता है। उन्हें जेल की लाइब्रेरी या ऑफिस में भी कोई काम मिल सकता है। तीन माह बिना वेतन के काम करने के बाद सिद्धू को पहले अर्धकुशल कैदी माना जाएगा और इस दौरान उन्हें काम के बदले 30 रुपये का भुगतान होगा। इसके बाद कुशल कैदी बनने पर रोजाना 90 रुपये कमा सकेंगे।
सुबह साढ़े पांच बजे सिद्धू को सोकर उठना पड़ेगा
जेल नियमों के मुताबिक हर कैदी को सुबह साढ़े पांच बजे सोकर उठना पड़ता है, इस नियम का पालन करने के लिए सिद्धू को भी सुबह साढ़े पांच बजे सोकर उठना होगा। इसके बाद सात बजे चाय के साथ खाने के लिए उन्हें बिस्कुट या काले चने मिल सकते हैं। सुबह साढ़े 8 बजे उन्हें नाश्ते में चपाती, दाल, सब्जी मिलेगी। फिर जेल के बाकी कैदियों की तरह उन्हें भी काम के लिए ले जाया जाएगा।
शाम साढ़े पांच बजे उनकी छुट्टी होगी। शाम साढ़े छह बजे रात का खाना दिया जाएगा और फिर सवा सात बजे के करीब अन्य कैदियों की तरह उन्हें भी बैरक में बंद कर दिया जाएगा।वहीं आपकों बता दें कि सिद्धू को फिलहाल चार माह तो जेल में ही काटने पड़ेंगे लेकिन इस दौरान अगर उनका आचरण ठीक रहा तो जेल अधीक्षक उनके पैरोल के लिए सिफारिश कर सकते हैं। उन्हें 28 दिनों तक की पैरोल दी जा सकती है।
इसलिए जाना पड़ रहा जेल
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरवाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। मार्केट में पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। इस दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
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