कर्नाटक के स्कूली पाठ्यक्रम से शहीद भगत सिंह, नारायणा गुरु और पेरियार को हटाने की क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के किया निंदा

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लखनऊ। क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के तुहिन देव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि फासिस्ट संघ परिवार द्वारा कर्नाटक के स्कूल पाठ्यक्रम से शहीद भगत सिंह, नारायणा गुरु और पेरियार को हटाने के जरिए शिक्षा व्यवस्था के साम्प्रदायिक कारण व विकृतिकरण की क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच ने तीखी निंदा करता है।

उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच ने फासिस्ट संघ परिवार द्वारा इतिहास एवम शिक्षा व्यवस्था के साम्प्रदायि करण व विकृतिकरण की तीखी आलोचना की है। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने दसवीं कक्षा के नए सामाजिक विज्ञान के पाठ्य पुस्तक से युवाओं के आदर्श शहीद भगत सिंह,भारत के नवजागरण आंदोलन के अग्रदूत नारायणा गुरु व पेरियार पर आधारित पाठ को हटाकर आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषणों को शामिल किया है।क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (कसम) ने इस कृत्य की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि ये पूरा षड्यंत्र ,देश में शिक्षा के किए जा रहे भगवाकरण का हिस्सा है।

अब संघ परिवार कर्नाटक में सक्रिय

1925 में अपने स्थापना के समय से ही आरएसएस,ब्रिटिश साम्राज्य का पिट्ठू रहा है और अब अंबानी अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों की दलाली कर रहा है।इन्ही के हित में फासिस्ट संघ परिवार उत्तर प्रदेश में काशी,मथुरा जैसी जगहों के मस्जिदों पर कब्जा करने जैसी विभाजनकारी, नफ़रत परस्त कार्यवाहियां कर रहा है ताकि भीषण मंहगाई,गरीबी,बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। अब संघ परिवार के नेतृत्व में कर्नाटक को मनुवादी हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला बनाया जा रहा है।

इसीलिए वहां,साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष की महान परंपराओं व शहीदों के इतिहास को पाठ्यक्रम से हटाने के साथ साथ अमानवीय जाति व्यवस्था,पितृसत्ता,अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंकने और एक तर्कशील,समतावादी समाज के लिए संघर्ष करने वाले नवजागरण आंदोलन के अग्रदूतों को भी पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है। ताकि विद्यार्थी झूठा विकृत इतिहास पढ़ें और दलितों,उत्पीड़ित,अल्पसंख्यकों,महिलाओं व गरीब मेहनतकशों से नफरत करें।ऐसी गंभीर परिस्थिति में कसम,तमाम जनवादी प्रगतिशील ताकतों,विद्यार्थी और सांस्कृतिक संगठनों से अपील करता है कि आरएसएस के नेतृत्व में शिक्षा व्यवस्था के भगवाकरण की फासीवादी परियोजना के खिलाफ और भारत की बहुलतावादी,विविधतावादी गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने वाली शिक्षा व्यवस्था के लिए समझौता हीन संघर्ष करें।

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