मथुरा में शाही ईदगाह को हटाने की मांग वाली याचिका मंजूर, शुरू होगा मुकदमे का ट्रायल

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Petition seeking removal of royal Idgah in Mathura approved, trial of the case will start
जिला जज अब किस कोर्ट को सुनवाई के लिए यह प्रकरण देंगे, अभी फैसला होना बाकी है।

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह में मामले में जिला जज राजीव भारती की अदालत के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वाद की स्वीकारोक्ति को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल से जिला जज की अदालत में रिवीजन में सुनवाई चल रही थी। आज जिला जल की अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। इस मामले में डीजीसी शिवराम तरकर ने बताया कि याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। जिला जज अब किस कोर्ट को सुनवाई के लिए यह प्रकरण देंगे, अभी फैसला होना बाकी है।

मालूम हो कि रंजना अग्निहोत्री ने राम जन्मभूमि अयोध्या प्रकरण में भी अदालत में वाद दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.3 7 एकड़ जमीन पर दावा किया गया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि यह जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान की है और जहां पर शाही ईदगाह खड़ी है, वहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान और मंदिर का गर्भ ग्रह है। वाद की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय ने बहस के बाद संबंधित निर्णय को रिजर्व कर लिया गया है। बृहस्पतिवार को निर्णय दिया गया।

जमीन सौंपने की मांग

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री द्वारा अदालत में पेश वाद में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को श्री कृष्ण विराजमान की संपत्ति माना है और उन्होंने अदालत से कहा है कि यह संपत्ति श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपी जानी चाहिए। वह खुद श्रीकृष्ण विराजमान की भक्त बन कर सामने आई हैं। अदालत में सबसे पहले इस संबंध में वाद पेश करने वाली सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता द्वारा पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट तथा शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित पदाधिकारियों के बीच में समझौते को गलत बताया।

इससे पहले पांच मई को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन तथा अन्य द्वारा जिला जज की अदालत में बहस की गई। शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी अदालत में अपना पक्ष रखा। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद जिला जज राजीव भारती ने निर्णय को रिजर्व करते हुए निर्णय के लिए 19 मई तय की थी। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत में हमने अपना पक्ष रखा है।

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