लखनऊ। यूपी मिशन—2022 को लेकर करीब दो माह से सूबे में चल रही चुनावी सरगर्मियों का शोर शाम होते—होते थम गया। 7 मार्च को अंतिम चरण की वोटिंग के बाद 10 मार्च को नतीजे घोषित हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव के सातवें और अंतिम चरण की 54 सीटों में से चकिया, राबर्ट्सगंज व दुद्दी पर शाम 4 बजे और शेष 51 सीटों पर शाम 6 बजे प्रचार समाप्त हो गया।
वहीं सूबे के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के मुताबिक सातवें चरण में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र की 51 सीटों के लिए मतदान 7 मार्च को सुबह 7 से शाम 6 बजे से होगा। बताया गया कि चकिया, राबट्सगंज और दुद्दी शाम 4 बजे तक मतदान होगा। बताते चलें कि 8 जनवरी को विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही चुनाव प्रचार शुरू हो गया था।
अंतिम चरण में सभी दलों ने झोंकी ताकत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के लिए यूपी में तमाम पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बताया गया कि इस चरण में प्रधानमंत्री मोदी ने दो दिन के लिए काशी में ही डेरा डाला हुआ है। बताया गया कि पीएम मोदी के अतिरिक्त अखिलेश यादव भी प्रचार कर रहे हैं। वहीं अन्य दलों के नेता भी इस अंतिम चरण में अपना वोट बैंक पक्का करने में करने में पूरी शिद्दत से जुटे रहे।
वहीं पीएम मोदी ने कल मेगा रो़ड शो किया था और कल ही अखिलेश ने भी बड़ा शो कर अपनी ताकत दिखाई। वहीं मायावती भी अंतिम चरण में प्रचार के लिए जोश के साथ लगी हुई नजर आई हैं। जानकारी के मुताबिक आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन रहा, इसलिए सभी नेता वोट जुटाने में कोई कमी नहीं रखना चाहते थे। सो उन्होंने इसके लिए पूरा दमखम भी लगाया। इधर चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार आज शाम प्रचार थम गया।
पीएम मोदी के रोड शो के जवाब में अखिलेश ने यूं दिखाई ताकत
वहीं इससे एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिन में काशी में रोड शो कर जनता का अभिवादन किया। जिसके जवाब में शुक्रवार रात को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी समाजवादी विजय यात्रा में सड़क पर उतरकर अपनी ताकत दिखाई।
बताया गया कि मऊ सदर सीट से सुभासपा प्रत्याशी अब्बास अंसारी के विवादित बयान देने के मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर आरओ की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने उनके प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लगा दी है। बताया गया कि अब्बास 24 घंटे तक जनता के बीच भी नहीं जा सकेंगे। इस बीच अलग—अलग दलों को लेकर लोगों में सियासी चर्चाएं तेज हैं।
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