आगरा। कानपुर के कुख्यात विकास दुबे का जो हाल यूपी पुलिस ने किया है उसका खौफ अपराधियों के मन से जाने में वर्षों लगेगा। इसकी बानगी आगरा में उस समय मिली जब कमला नगर स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की शाखा में डकैती डालने के मुख्य आरोपी नरेंद्र उर्फ लाला पुलिस की गिरफ्त में आया। पुलिस के शिकंजे में आते ही जिंदगी की भीख मांगने लगा, कई बार एक ही बात बोला कि मेरा विकास दुबे जैसा हाल मत कर देना।
डरा-सहमा गाड़ी में बैठा रहा। शाम को आगरा आने पर ही उसकी ठीक से जुबान खुली। फिरोजाबाद के हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला ने साथियों के साथ 17 जुलाई, 2021 को कमला नगर में डकैती डालकर 19 किलोग्राम सोना लूटा था। पुलिस ने उसके दो साथी मुठभेड़ में मार गिराए थे, जबकि 14 को जेल भेजा गया था। पश्चिम बंगाल के 24 परगना से शुक्रवार को नरेंद्र, उसका भाई अरुण और मां राजकुमारी पकड़े गए थे।
बंगाल से ले आई पुलिस
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 दिन पहले से आरोपी को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रखी थी। इसके लिए बंगाल पुलिस से संपर्क किया था। बंगाल पुलिस के साथ आगरा पुलिस सादा कपड़ों में लाला को गिरफ्तार करने पहुंची थी। पुलिसकर्मियों के पकड़ते ही वह घबरा गया। पुलिस ने उसे और भाई को गाड़ी में बैठाया जबकि मां को पुलिसकर्मी ट्रेन से लेकर रवाना हुए। जब उसे पता चला कि पुलिस गाड़ी से लेकर जा रही है तो सहम गया।
एंकाउंटर का था डर
आरोपी कहने लगा कि विकास दुबे के साथ क्या हुआ था पता है। मध्य प्रदेश से पुलिस उसे लेकर आ रही थी। रास्ते में गाड़ी पलटने के बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था। कहीं हमारी भी गाड़ी नहीं पलट जाए। वह अधिकांश समय चुप रहा। जब भी पुलिसकर्मी उससे बात करते वह विकास दुबे जैसा हश्र नहीं करने की बात दोहराने लगता। देर रात पुलिस उसे आगरा लेकर आ गई।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि लाला को आगरा लेकर पुलिस आई है। उससे पूछताछ की जा रही है। बाकी सोना कहां है? वारदात में और कोई तो शामिल नहीं था? यह सब पता किया जा रहा है।पुलिस ने बताया कि लूटकांड में 22 लोगों के नाम प्रकाश में आए थे। दो मुठभेड़ में मारे गए। पुलिस ने अन्य को गिरफ्तार कर लिया। अब एक आरोपी शेष है। यह एक आरोपी की परिचित महिला है।
लगातार भागता रहा लाला
नरेंद्र उर्फ लाला फिरोजाबाद के थाना दक्षिण स्थित हिमायूंपुर की पुलिया का रहने वाला है। वहां का हिस्ट्रीशीटर भी है। उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं। 17 जुलाई, 2021 को लूट के बाद बदमाश पैदल भागे थे। लाला अपने हिस्से का सोना लेकर फिरोजाबाद पहुंच गया था। इसके बाद टैक्सी से अपनी मां राजकुमारी और भाई अरुण के साथ दिल्ली गया। दूसरे दिन उसे अपने दो साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बारे में पता चला तो दिल्ली से गुरुग्राम भाग गया। इसके बाद ओडिशा चला गया। वहां से पश्चिम बंगाल चला गया। उसने दक्षिण 24 परगना की एक घनी बस्ती में अपना ठिकाना बनाया था। परचून की दुकान भी चला रहा था।