लखनऊ। ए.आई.डी.एस.ओ. के महासचिव सौरभ घोष ने जारी बयान में कहा कि “यूक्रेन से आ रही हृदयविदारक खबरों व तस्वीरों ने पूरी दुनिया के संवेदनशील तबके को झकझोर कर रख दिया है। कुछ ही पलों में सैंकड़ों लोग मारे गए, घायल हुए और बेघर हो गए। यह अमेरिकी साम्राज्यवाद और रुसी साम्राज्यवाद के बीच लम्बे समय से चले रहे दुनिया में अपना-अपना वर्चस्व क़ायम करने के संघर्ष का ही नतीजा है। यह युद्ध दरअसल संकटग्रस्त पूँजीवादी-साम्राज्यवादी ताकतों को किसी भी तरीक़े से जीवित रखने की एक कोशिश है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आज बेरोज़गारी, छँटनी, अशिक्षा और सामाजिक असुरक्षा ने मौजूदा व्यवस्था के ख़िलाफ़ लोगों में एक ज़बरदस्त रोष पैदा कर दिया है। यह इन समस्याओं की तरफ़ से लोगों का ध्यान भटकाने की भी एक कोशिश है।इस युद्ध से आम आवाम का कुछ भला होना तो दूर, उन्हें इस युद्ध का भयंकर दंश झेलना होगा। आम जन-जीवन तबाह हो रहा है। शिक्षा, व्यवसाय, चिकित्सा व्यवस्था हर जगह इस युद्ध का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ए.आई.डी.एस.ओ. इस युद्ध का पुरजोर विरोध करता है और भारत समेत पूरी दुनिया की आम जनता, विशेषकर छात्रों का आह्वान करता है कि वे एक मजबूत युद्ध विरोधी शांति आंदोलन का निर्माण करने के लिए आगे आयें। हम भारत सरकार से भी आग्रह करते हैं कि यूक्रेन में फँसे भारतीय जनता और छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें और अविलम्ब उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करें।
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